काम है तेरा तेरा
हिमेश रेशमिया ने एक हालिया साक्षात्कार में कहा कि उनके पास १००० गानों का स्टॉक पड़ा है और वो रोज़ दो तीन गाने तो रियाज़ करते ही स्वरबद्ध कर लेते हैं। मुझे तो बड़ा डर लगने लगा है, तो क्या आने वाले दो तीन सालों तक समीर के लिखे और इन नाक से गाये गानें और बर्दाश्त करने पड़ेंगे! मनवा मोरे, जस्ट चिल!
एक मच्छर हिमेश रेशमिया के ख़िलाफ़ अदालत में चला गया. मच्छर का आरोप:-‘हिमेश न सिर्फ़ उसकी धुन चुराते हैं, बल्कि उसकी आवाज़ की भी नकल उतारते हैं!’
(मच्छर की अपील में दम लगता है. मामला बौद्धिक संपदा अधिकार उल्लंघन का है.)
मच्छर से बहुत सहानभुति है हमे भी.वाकई भाई, बहुत लम्बा झिलवाने की तैयारी है हिमेश भाई की….”हिमेश” की जगह उनका नाम “हमेशा” कर देना चाहिये कुछ समय के लिये.
सारा दोष इसकी नाक का है।
अगर ये ही गाने कोई और गायक गाए तो सुनने में भी मजा आये।
वैसे एक बात तो है कि हिमेश को कभी जुकाम नहीं होती होगी क्योंकी रोज रियाज करता होगा न यारों
भैया, हिमेश रेशमिया को दोष देने से पहले, पब्लिक को अपने टेस्ट को दोष देना चाहिए। हम क्यों पसन्द करते है उसके गीत, गाता तो वो नाक से ही है।फिर भी कुछ तो अलग है। दरअसल इन लोगो ने हमारी नब्ज पकड़ ली है। गाना कैसा भी सड़ा गला हो, चार अर्धनग्न माडल नचा दो, लोग देखेंगे, और देखेंगे तो पापुलर होगा ही। और चोरी चपाटी, बहुत आम बात हो गयी है। आप आज कोई नया गाना तमिल/मलयालम/कन्नड़/स्पैनिश/अरबी मे सुन लो अगले हफ़्ते कोई ना कोई संगीतकार उसे दिल की आवाज कहकर कम्पोज कर देगा।इन्टरव्यू मे भी बोलेगा कि मेरे को खुदा ने सपने मे आकर ये धुन दी थी, अबे खुदा के बन्दे, एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी। अपने अटल बिहारी जी कहते है ना:
ये…………….अच्छी………..बात………..नही ………..है………..