गूगल टीआईएसपी: ब्रॉडबैंड दा बाप
स्पष्टिकरणः यह समूची पोस्ट अप्रेल फूल बनाने के लिये लिखी मजाकिया पोस्ट है, इसमें कही बातें सरासर गप्प हैं और केवल मजे लेने के लिये ही लिखी गई हैं।
इंटरनेट सर्विस प्रोवाईडर्स की मनमानी और औनेपौने दामों का आखिरकार जोरदार तोड़ आ ही गया है और वो भी गूगल के द्वारा। गूगल ने आज टीआईएसपी नामक घरेलू बेतार ब्रॉडबैंड सुविधा शुरु की है और वो भी बिल्कुल मुफ्त। बस रजिस्टर करें और गूगल आपको टीआईएसपी का इंस्टालेशन किट जिसमें सेटअप गाईड, फाईबर आप्टिक केबल, बेतार रूटर और सीडी शामिल हैं, एक हफ्ते में भेज देगा। जब तक ये किट मिले आप इसके गूगल समूह में मेलजोल बढ़ा सकते हैं। जानकारों का मानना है कि कि ये निश्चित ही एक प्रलयंकारी परिवर्तक प्रणाली सिद्ध होगी। पानी से नुकसान बचाने के लिये इसे वेक्यूम सील भी किया गया है। फिलहाल ये सेवा अमरीका में ही उपलब्ध है पर ये अन्य देशों के लोगों के लिये पंजीकरण जारी है।
भैया चीज तो कमाल है भारत में चालू हो जाये तो जरूर बताईयेगा 🙂
फोन कम्पनियाँ जो अब तक सेवा देती थीं , क्या करेंगी ? अमरीका में मूल्य क्या है ? भाड़ा – किराया ?
हैरानी की बात है कि गुगल जैसी कंपनी भी……….:D
गुगल भारत में अपने कीट का वितरण निजी लोगो के हाथो में सौंपना चाहता है. हमारे पास उनका मेल आया था, परंतु गोपनीयता की शर्त के कारण हमने अब तक खुलासा नहीं किया था.
भाया, मैं नहीं मानता कि गूगल ऐसे ही ब्रॉडबैन्ड इंटरनेट सुविधा सबको फोकट में दे देगा, इसमें अवश्य कुछ राज़ है। बिना कमाई के यदि कुबेर भी धन बाँटने लगे तो उसका खज़ाना भी खाली हो जाएगा। जैसा मेरी समझ में आता है, गूगल अवश्य ही उसकी इंटरनेट सुविधा का प्रयोग करने वालों की हरकतों को रिकॉर्ड करेगा, जैसे वे कौन-२ सी साइट खोलते हैं, किस पर क्या करते हैं, कौन सा सर्च इंजन प्रयोग करते हैं, क्या सर्च करते हैं आदि। जानकारी के मामले में गूगल के पास दुनिया के सबसे बड़े डॉटाबेसों में से एक है, और हर समझदार व्यक्ति यह जानता है कि जानकारी बहुत बड़ी ताकत होती है।
तकरीबन $15-20 माहवार में 512kbps का DSL कनेक्शन मिल जाता है। परन्तु यह तो कुछ भी नहीं, दक्षिण कोरिया, स्वीडन आदि में $50 माहवार में 20mbps का कनेक्शन मिल जाता है, इन देशों में औसतन हर कनेक्शन 5mbps का होता है। 🙂
हमको साउथ ईस्ट एशिया का अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर बनाया है. जिसे भी चाहिये, हमें ईमेल करे.
अच्छा, अब गूगल की वेबसाइट देखकर पक्का हो गया कि यह अप्रैल फूल वाला मज़ाक है। 😉
यह तो खूब रही। जहाँ देबू ने (शायद) एक अप्रैल फूल बनाने वाली पोस्ट लिखी, वहीं अगली पोस्ट में खुद बन गए। और गूगल वालों ने मुझे भी बेवकूफ बनाया। आज सुबह कंप्यूटर खोला तो पर्सनलाइज़्ड होम पेज की जगह क्लासिक गूगल खुला था, और साथ में Google TiSP (BETA) का लिंक। साइन अप करने की कोशिश की तो कहीं रास्ता नहीं मिला। अब आप का पोस्ट और कमेंट्स पढ़ कर पता चला कि माजरा क्या है।
हे हे मजा आ गया ! हम भी एक कनेक्शन लुंगा !
Google Aakhir Google hai,
Banaya Bhi to…
भई वाह ! गूगल भी!! 🙂
बहुत खूब फूल बनाने की श्रृखंला शुरु हो गई।