हिन्दी ब्लॉग्स चिट्ठादर्शिका पर एक सुविधा पर ज्यादा लोगों की नज़रेइनायत नहीं होती पर मुझे उसमें खास रुचि रहती है। चिट्ठाकारी के शुरुवाती दिनों से ही मुझे इनके आँकड़ें आकर्षित करते रहे हैं। चिट्ठाविश्व पर एक जावा एप्लेट हुआ करता था जो विभिन्न भारतीय भाषाओं के चिट्ठों की संख्या का अनुमान लगाने में मदद करता था। हिन्दी ब्लॉग्स चिट्ठादर्शिका पर भी आँकड़ों का एक विभाग है। अब तक तो इसमें समस्त पंजीकृत प्रयोक्ताओं के आँकड़ें दिये जाते थे पर अब इसमें चिट्ठाकारों के आँकड़ें देखने की सुविधा भी जोड़ दी गई है।

जाहिर तौर पर जानकारी एकत्रित करना मुश्किल काम है। हिन्दी ब्लॉग्स चिट्ठादर्शिका पर अभी लगभग 400 पंजीकृत प्रयोक्ता है, पर इसमें से ज्यादातर केवल ब्लॉग जोड़ने भर के लिये पंजीकृत होते हैं, अधिकतर अपने प्रोफाईल में अपनी शिक्षा, आय, पेशे वगैरह की जानकारी नहीं भरते। और उससे भी कम लोग अपना चिट्ठा क्लेम करते हैं। कहना न होगा कि जब तक चिट्ठा क्लेम किया जाय यह पता करना मुश्किल है कि पंजीकृत प्रयोक्ताओं में चिट्ठाकार कौन हैं।

मुझे पता नहीं कि हिन्दी चिट्ठाकार समुदाय में यह हिचक क्यों है, क्यों वे अपनी प्रोफाईल में जानकारी नहीं भरते हैं और चिट्ठा क्लेम क्यों नहीं करते, जबकि क्लेम की प्रक्रिया काफी सरल है। तिस पर हिन्दी ब्लॉग्स चिट्ठादर्शिका पर एक नहीं अनेक जगह हमने साफ साफ लिखा है कि हम आपकी निजी जानकारी किसी को बेचने नहीं वाले ना ही जाहिर करने वाले हैं। रुचि सिर्फ और सिर्फ समग्र आँकड़ों में है। इसीलिये पंजीकृत प्रयोक्ताओं से ये अनुरोध रहता है कि वे अपने प्रोफाईल में अपनी शिक्षा, आय, पेशे वगैरह की जानकारी दें।

इस पोस्ट के बहाने सभी चिट्ठाकारों और चिट्ठे पढ़ने वालों और नेट पर हिन्दी के चाहने वालों से निवेदन हैं कि वे हिन्दी ब्लॉग्स चिट्ठादर्शिका पर पंजीकृत हों, अपने प्रोफाईल में सारी जानकारी भरें और यदि चिट्ठा लिखते हैं तो उसे निर्देशिका में जोड़ने के उपरांत उसे क्लेम भी करें। इससे हमें समय समय पर जाल पर हिन्दी प्रयोग और प्रयोक्ताओं के बारे में जानकारी मिलती रहेगी।

आईये नज़र डालें अब तक के आँकड़ों पर, जाहिर तौर पर अभी चिट्ठाकारों के आँकड़ें काफी कम है पर मेरे अनुरोध के बाद विश्वास है कि आप इन्हें और विश्ववस्नीय बनाने में मेरी मदद करेंगे।

  • शिक्षा दीक्षा के मामले में चिट्ठाजगत समृद्ध है, 6 प्रतिशत चिट्ठाकार पीएचडी हैं, 56 फीसदी स्नात्कोत्तर और शेष 38 प्रतिशत स्नातक हैं।
  • पेशे की बात की जाय तो आपको अनुमान होगा ही कि किस पेशे के लोग चिट्ठाकारी में ज्यादा हैं। जी हाँ, 29 फीसदी चिट्ठाकार मीडिया से ताल्लुक रखते हैं और 24 फीसद सूचना प्रोद्योगिकी से जुड़े हैं और कई मानते हैं कि नेट पर हिन्दी के बढ़ते प्रयोग में तकनीकी लोगों का वाकई योगदान रहा है। अगला बड़ा वर्ग है स्वव्यवसाईयों का जिनकी संख्या 12 प्रतिशत है, शेष में सरकारी नौकरीपेशा, वित्त, विज्ञान, चिकित्सा और शिक्षा से जुड़े लोग हैं (देखें चार्ट)।
  • आय की बात की जाय तो भले नेट प्रयोग का खर्च ज्यादा हो, अधिकाँश चिट्ठाकार अधिक संपन्न वर्ग से नहीं हैं। 90 फीसदी सालाना 3 लाख से कम आय वाले हैं और केवल दस फीसद ही 8 लाख से ज्यादा कमाते हैं (देखें चार्ट)।
  • और अंत में, अधिकतर चिट्ठाकार घर गृहस्थी वाले लोग हैं, 39 फीसदी अविवाहित हैं और 61 फीसद बाल बच्चेदार। मतलब यह कि काफी लोग बड़े कष्ट उठाकर चिट्ठाकारी कर रहे हैं 🙂

आप के ख्याल से और कौन से आँकड़ें हमें एकत्रित करने चाहिये? और मुझे यह भी सुझाव दें कि लोगबाग जानकारी भरें ये सुनिश्चित करने के लिये मैं किस मंत्र का जाप करुं 😉

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