बस मानसिकता सरकारी न हो
बड़ी खà¥à¤¶à¥€ होती है जानकर कि जिस जावा का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— मेरे जैसे पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤®à¤° वेब व मोबाईल à¤à¤ªà¥à¤ªà¤²à¥€à¤•ेशनà¥à¤¶à¤¸ बनाने के लिठकरते हैं वही मंगल गà¥à¤°à¤¹ पर सà¥à¤ªà¤¿à¤°à¤¿à¤Ÿ नामक रोवर को à¤à¥€ दौड़ा रहा है। वैसे सारा शà¥à¤°à¥‡à¤¯ नासा को ही जाना चाहिये, जैसा की गोसलिंग ने कहा, “नासा में लोग वो कर रहें हैं जो आम आदमी के लिठफंतासी जैसा है, à¤à¤¸à¥€ सरकारी संसà¥à¤¥à¤¾ का मिलना मà¥à¤¶à¥à¤•िल है जहां लोग अपने सपने सच कर पाते हों”। कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कोई सà¥à¤¨ रहा है?

