ज़ेमांटा द्वारा अपनी ब्लॉगिंग में चार चाँद लगायें

ज़ेमांटा एक ब्राउज़र आधारित सिमेंटिक अनेलिससि इंजन है जो ब्लॉग पोस्ट लिखते समय लेखक को प्रासंगिक कड़ियाँ, चित्र, सामग्री और टैग सुझाता है जिससे पोस्ट लिखना बच्चों के खेल बन जाता है। फिलहाल यह केवल अंग्रेज़ी चिट्ठों के ही काम का है और केवल फायरफाक्स पर ही चलता है, पर यह लगभग सभी लोकप्रिय ब्लॉगिंग प्लैटफॉर्म जैसे ब्लॉगर, वर्डप्रेस, आदि के लिये उपलब्ध है। पढ़िये ज़ेमांटा के बारे में रोचक जानकारी। आप यह प्रविष्टि पॉडभारती पर सुन भी सकते हैं।

पॉडभारती का आठवाँ अंक जारी

पॉडभारती का आठवाँ एपीसोड अब पॉडभारती डॉट कॉम पर आपके लिये उपलब्ध है। पॉडभारती के इस अंक में आप सुन सकते हैं भ्रष्टाचार के खिलाफ जिहाद लड़ रहे कर्नाटक के एक वरिष्ठ IAS अधिकारी विजयकुमार की पत्नी के अदम्य साहस की कथा, लोकप्रिय हिन्दी चिट्ठाकार उन्मुक्त की प्रभावशाली आवाज़ में कैप्टन स्कॉट की डायरी से […]

13 साल का सीईओ

13 साल की उम्र में आपके क्या किया करते थे? ज़रा याद कीजीये। आप शायद अपनी खेल कूद और यार दोस्तों के साथ की शैतानियों का पिटारा खोल रहे होंगे। अगर मैं कहूं कि कैलिफोर्निया, अमेरिका में सांतवी ग्रेड के भारतीय छात्र अंशुल समर इसी उम्र में अपनी कंपनी खोल चुके हैं तो आप ज़रूर […]

निरंतर पत्रिका के पुराने अंक नष्ट

Update: Thanks to Web Archives all lost issues of Nirantar have now been restored and are available at http://www.nirantar.org. मेरी मूर्खता की वजह से निरंतर पत्रिका के अक्षरग्राम पर रखे पुराने अंक पूर्णतः नष्ट हो चुके हैं और हमारे पास पुराने अंकों का कोई भी बैकअप उपलब्ध नहीं है। ये शायद मेरे जीवन का सबसे […]

डोमेन ले लो, डोमेन

हिन्दी में डिग जैसी साईट बनाने के उद्देश्य से मैंने ६ ७ माह पहले दो डोमेन बुक कराये थे। पर योजना पर काम करते करते देर हो गई और मेरा मन इसे पर से उब चला है। मैं ये दोनों डोमेन नाम बेचना चाहता हूं, एक है कड़ीघर डॉट कॉम और दूसरा एक डॉट इन […]

पूछिए फुरसत से, फुरसतिया से

निरंतर काउंटडाउन भाग ३ नामचीन हिंदी अखबार देशबंधु में मंझे साहित्यकार और चिंतक हरिशंकर परसाई का एक कॉलम छपता था “पूछिए परसाई से” जिसमें वे पाठकों के प्रश्नों के उत्तर देते थे। तमाम किस्म के प्रश्न, राजनीति, इतिहास, समकालीन परिदृश्य, साहित्य पर जिनमें कुछ चुटीले सवाल भी शामिल होते थे। निरंतर के पहले अवतार में […]

विज़डम आफ क्राउड्स महज़ किताबी बात नही

निरंतर काउंटडाउन भाग 2 बिल्कुल यही वजह है कि निरंतर, सिर्फ एक मैगैज़ीन नहीं, ब्लॉगज़ीन है। निरंतर के लेखों में सिर्फ संपादक मंडल की ही नही, इसके लेखकों की ही नही वरन् आपकी राय भी सम्मिलित होनी चाहिए। इसी कड़ी में निरंतर के अगस्त अंक में प्रारंभ किया जा रहा है एक नया स्तंभ “जनमंच“। […]

एक और प्रथमः इंटरैक्टिव कहानी

निरंतर काउंटडाउन भाग १ निरंतर एक अभिनव प्रयोग रहा है। यह पहली ऐसी पत्रिका है जो न केवल गैरपेशेवर प्रकाशकों द्वारा निकाली जाती है बल्कि पाठकों को प्रकाशित लेखों पर त्वरित टिप्पणी करने का मौका भी देती है। इस तरह ये सिर्फ ज़ीन नहीं, विश्व की प्रथम ब्लॉगज़ीन बन सकी। किसी भी प्रकाशन में पाठकों […]