क्या इलेक्ट्रिक वाहन मरम्मत के एकाधिकार की ओर बढ़ रहे हैं?

शुरुआती ईवी के विपरीत, नए मॉडलों में अक्सर सीलबंद बैटरी पैक होते हैं, जो मरम्मत और रीसाइक्लिंग रोक कर पर्यावरणीय चुनौतियां पैदा करते हैं।

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कार-मुक्त शहरः भारत के लिए एक अधूरा सपना या एक स्थायी भविष्य?

क्या भारत के लिए कार-मुक्त भविष्य एक कल्पना है? यह लेख बेहतर सार्वजनिक परिवहन और बुनियादी ढांचे में बदलाव की आवश्यकता के मुद्दों पर चर्चा करती है।

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आग पर बैठे शहर

तहलका हिन्दी पत्रिका में झरिया की कोयला खदानों के गिर्द भूमिगत आग के बारे में रोचक खोजपरक लेख छपा है। निरंतर पत्रिका में अतुल अरोरा और मैंने आज से दो साल पहले इसी विषय पर एक और खोजपरक लेख लिखा था, एक दहकते शहर की दास्तान।

अंतर्जाल पर मानसिक विकृति की कमी नहीं

कुछ दिनों पहले ग्लोबल वॉयसेज़ हिन्दी के लिये मैंने एक पोस्ट का अनुवाद किया था। यह पोस्ट मालदीव में paedophiles यानि बाल यौन शोषकों के बढ़ते क्रिया कलाप पर केंद्रित थी। पर इस पोस्ट से किसी मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति की काम विकृति पूरी हो रही होगी इसका अंदाज़ा तो शायद कोई भी नहीं लगा सकता।

बड़े भोले हैं जी हम!

लोगबाग या तो वाकई भोले हैं या सिर्फ मज़े लेने के लिये पूरी मासूमियत के साथ खबरों पर यकीन कर उसका वाईरल प्रसार किये जाते हैं? क्या उन्हें पता नहीं कि अमिताभ शत्रुध्न विवाद फिलहाल प्रेस में क्यों बोया जा गया या फिर कि अमिताभ अचानक ब्लॉगिंग के मैदान में क्यों उतर पड़े?

पॉडभारती का आठवाँ अंक जारी

पॉडभारती का आठवाँ एपीसोड अब पॉडभारती डॉट कॉम पर आपके लिये उपलब्ध है। पॉडभारती के इस अंक में आप सुन सकते हैं भ्रष्टाचार के खिलाफ जिहाद लड़ रहे कर्नाटक के एक वरिष्ठ IAS अधिकारी विजयकुमार की पत्नी के अदम्य साहस की कथा, लोकप्रिय हिन्दी चिट्ठाकार उन्मुक्त की प्रभावशाली आवाज़ में कैप्टन स्कॉट की डायरी से […]

निरंतर पत्रिका की कुछ बातें

पाठकों, आपको स्मरण होगा कि निरंतर के पुराने अंक अक्षरग्राम स्थित हमारे पूर्व सर्वर से नष्ट हो गये थे। ये अंक द्रुपल आधारित सिविकस्पेस पर बने थे। दुर्भाग्यवश इन अंकों का हमारे पास बैकअप नहीं था। अंक 7 के उपरांत हम निरंतर के अपने नये सर्वर और जूमला प्रकाशन प्रणाली पर स्थानांतरित हो गये थे। […]

अपने चिट्ठे से जार्ज बुश का चित्र कैसे हटायें

आपका ध्यान एक समस्या की तरफ दिलाना आकर्षित करना चाहता हूँ। http://www.hindiblogs.org की और इंगित करते हुये कई चिट्ठाकारों ने एक जावास्क्रिप्ट अपनी साईट पर रखी है जिससे एक चित्र दिखता है “हिन्दी ब्लॉग्स पर इस चिट्ठे की समीक्षा”। इंटरनेट जिंदाबाद का नारा लगाते हुये मैंने यह ईमेज माईजावासर्वर नामक एक मुफ्त के होस्ट पर […]