क्या इलेक्ट्रिक वाहन मरम्मत के एकाधिकार की ओर बढ़ रहे हैं?

शुरुआती ईवी के विपरीत, नए मॉडलों में अक्सर सीलबंद बैटरी पैक होते हैं, जो मरम्मत और रीसाइक्लिंग रोक कर पर्यावरणीय चुनौतियां पैदा करते हैं।

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कार-मुक्त शहरः भारत के लिए एक अधूरा सपना या एक स्थायी भविष्य?

क्या भारत के लिए कार-मुक्त भविष्य एक कल्पना है? यह लेख बेहतर सार्वजनिक परिवहन और बुनियादी ढांचे में बदलाव की आवश्यकता के मुद्दों पर चर्चा करती है।

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माईक्रोहू के राज में फ्लिकरसॉफ्ट का भविष्य

माईक्रोसॉफ्ट द्वारा याहू के अधिग्रहण के प्रयास से ब्लॉगमंडल में भारी हलचल तो है ही, चिट्ठाकार पर भी चर्चा जारी है। कुछ लोग खुश है, कुछ खफा, कुछ आशंकित। मुझे तो फ्लिकर और डिलिशियस की खास चिंता है। फ्लिकर पर लोगों ने अपना रोष ज़ाहिर किया, ज़ाहिर तौर पर कुछ अनोखे फोटो अपलोड कर। इस […]

सप्ताह 04 के स्वादिष्ट पुस्तचिन्ह

मेरा डिलिशीयस पुरालेखागार स्टोरगुरु : नेटवर्क 18 समूह का नया ईकॉमर्स जालस्थल आईआईटी प्राध्यापकों के लेक्चर अब यूट्यूब पर पासपोर्ट फोटो घर बैठे बनायें : बढ़िया आनलाईन जुगाड़ ट्रैक्शन : विभिन्न किस्म के फीड एग्रीगेटर्स की विशाल सूची

राजनैतिक हत्या से लाभ कैसे उठायें

अगर आप नाईजीरीया के कबिलाई राजाओं की संपत्ति में हिस्सेदारी प्रदान करने वाले स्पैम ईमेलों से उकता चुके हैं तो लीजिये स्पैमर इनमें कुछ रोचक बदलाव भी ला रहे हैं। मेरे जीमेल के स्पैम फिल्टर से बच निकले इस ईमेल को नोश फरमाईये जो आपको एक कद्दावार नेता की हत्या से लाभ कमाने का न्योता […]

कौन बनेगा श्रेष्ठ एग्रीगेटर?

रवि भैया की इस हालिया पोस्ट पर एक चिट्ठाकार रचना की तल्ख टिप्पणी आई। आप कि ये पोस्ट पढ़ कर सिर्फ ये समझ आया कि जो नये ब्लॉगर आये है आप सब पुराने वरिष्ठ ब्लोग्गेर्स के बीच वह केवल कुडा कबाड़ लिख रहें हैं, इसलिये उनको ना पढा जयाए। क्योंकी जो ब्लॉगर भी ऐसा खाता […]

गोविंदा ने किसी को सरेआम थप्पड़ मारा, पर…

यह थप्पड़ उन्होंने: उन पत्रकारों और संपादकों को क्यों नहीं मारा जिन्हें यह खबर और थप्पड़ की क्लिपिंग के डेड़ हजार लूप बनाकर आनन फानन तैयार की गई फुस्स रपट ब्रॉडकास्टनीय लगती है? या उन नेताओं को क्यों नहीं मारा जो भारत रत्न के नाम पर राजनीति कर रहे हैं और बेचारे वाजपेयी जी के […]

हिन्दी चिट्ठाकारी के आँकड़ों पर एक नज़र

हिन्दी ब्लॉग्स चिट्ठादर्शिका पर एक सुविधा पर ज्यादा लोगों की नज़रेइनायत नहीं होती पर मुझे उसमें खास रुचि रहती है। चिट्ठाकारी के शुरुवाती दिनों से ही मुझे इनके आँकड़ें आकर्षित करते रहे हैं। चिट्ठाविश्व पर एक जावा एप्लेट हुआ करता था जो विभिन्न भारतीय भाषाओं के चिट्ठों की संख्या का अनुमान लगाने में मदद करता […]