मà¥à¤—ालते में à¤à¤¶ है
हम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ तो जनà¥à¤®à¤œà¤¾à¤¤ हिपोकà¥à¤°à¤¿à¤Ÿ हैं ही। कथनी और करनी का अंतर न हो तो हमारी पहचान ही विलीन हो जाये। कà¥à¤› दिनों पहले जब देह मलà¥à¤²à¤¿à¤•ा के कॉनà¥à¤¸ के पहनावे की बात आयी जिसमें कपड़ा कम और जिसà¥à¤® ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ था तो मà¥à¤à¥‡ मलà¥à¤²à¤¿à¤•ा और à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾ कि महतà¥à¤µà¤¾à¤•ाकà¥à¤·à¤¾à¤‚ओं में कà¥à¤› खास फरà¥à¤• नहीं नज़र आया। दोनों ही अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ रूपहले परà¥à¤¦à¥‡ पर जाने को आशावान हैं। इस राह में जिसà¥à¤® की खास à¤à¥‚मिका है, बस दोनों अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का अपà¥à¤°à¥‹à¤š खासा अलग है। मलà¥à¤²à¤¿à¤•ा की साफगोई की दाद देनी पड़ेगी। वे जानती हैं और सà¥à¤µà¥€à¤•ार à¤à¥€ करती हैं कि चमड़ी के à¤à¤°à¥‹à¤¸à¥‡ सफलता मिलना तय है। इसके उलट अपनी à¤à¥‹à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤²à¥€ छवि के अनà¥à¤°à¥‚प à¤à¤¶ à¤à¤¸à¤¾ दिखाती हैं कि वे काजल की कोठरी में रहकर à¤à¥€ दूध सी सफेद बाहर निकलेंगी। “मैं सेकà¥à¤¸ सीन नहीं दूà¤à¤—ी, किस नहीं नहीं।” देसी फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कोई तरीका तो नहीं छोड़ा जिस से उनके शरीर कि रचना की गणना न की जा सके। ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दूर कà¥à¤¯à¤¾ जाना, हाल का लकà¥à¤¸ का नया विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ देखें, छà¥à¤ˆà¤®à¥à¤ˆ à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾ न जाने कहाठकहाठगोदना गà¥à¤¦à¤µà¤¾ रही हैं वो à¤à¥€ इतने अशोà¤à¤¨à¥€à¤¯ (ओह माफ कीजियेगा, नयी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में इसे सेकà¥à¤¸à¥€ कहा जाता है, है न!) तरीके से कि…। इससे तो मलà¥à¤²à¤¿à¤•ा जैसी अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ ही à¤à¤²à¥€, चमड़ी बेच रही हैं तो किसी मà¥à¤—ालते में नहीं हैं और न ही छूईमà¥à¤ˆ और बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ बने रहने का दिखावा करती हैं। मरà¥à¤¦ को लà¥à¤à¤¾à¤¨à¥‡ वाली चीज़ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ के मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• के काफी नीचे बसती हैं यह बात तो à¤à¤¶ à¤à¥€ जानती हैं। पर मà¥à¤—ालते पालना à¤à¥€ कोई बà¥à¤°à¥€ बात नहीं। जब à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¥à¤· उनकी पंदà¥à¤°à¤¹ मिनट की à¤à¥‚मिका वाली जगमोहन मूà¤à¤¦à¥œà¤¾ निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ हॉलीवà¥à¤¡ की कोई फिलà¥à¤® जब देखेंगे तो à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾ के शरीर और “अà¤à¤¿à¤¨à¤¯ कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾” को जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बेहतर सराह पायेंगे।


सही कहे हो देबॠà¤à¥ˆà¤¯à¤¾, कथनी और करनी में तो लेकिन सबकी अनà¥à¤¤à¤° है। गोरे लोग बात करते हैं समà¤à¤¾à¤µ की और सबसे बड़े अलगाववादी à¤à¥€ वही हैं। जैसे अमरीकियों को गरीबी हटाने की बात करते हà¥à¤¯à¥‡ अजीब लगता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि शोषण à¤à¥€ तो वही करते हैं। अमीर देश अफ़à¥à¤°à¥€à¤•ा में à¤à¤• तरफ़ आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सहायता देने की बात करते हैं और दूसरी तरफ़ खदानों के सोने और हीरे तो निकलवाने के लिये वहां हथियार बेचते हैं।
बात तो सोलह आने सही कही है, लगे हाथ ये à¤à¥€ बता देते कि वो मूवी कौन सी है। और जहाठतक कथनी और करनी का तालà¥â€à¤²à¥à¤• है वो तो हर à¤à¤• (जà¥â€à¤¯à¤¾à¤¦à¤¤à¤°) सफल इंसान और देश का मजबूत हथियार बनता जा रहा है।
अरे à¤à¤ˆà¤¯à¤¾ “कोई फिलà¥à¤®” कह कर कयास लगाया था बस! बॉलीवà¥à¤¡ वाले जब हॉलीवà¥à¤¡ की फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में काम की बात करते हैं तो वह अकà¥à¤¸à¤° जगमोहन साहब की सॉफà¥à¤Ÿ पॉरà¥à¤¨ फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ ही होती हैं जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हालीवà¥à¤¡ में तो “सी गà¥à¤°à¥‡à¤¡” माना जाता ही है, हमारे यहाठका केबल वाला à¤à¥€ रात ११ के बाद ही लगा पाता है। जगमोहन अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को तो छोड़िये हेमंत “टारजन” बिरजे जैसे अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾à¤“ं को à¤à¥€ नंगा कर चà¥à¤•े हैं। यह बात दीगर है कि आजकल वो सामाजिक विषयों पर फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ बनाने लगे हैं।