एक पल के लिये तो यकीन ही हो गया था। जब वर्डप्रेस और टेक्सटपैटर्न के विलय की खबर की कड़ी नुक्ताचीनी के डैशबोर्ड पर देखी तो तुरंत क्लिक किया। फिर रुख किया वर्डपैटर्न की कथित वेबसाईट पर और तभी बजी घंटी। वापस जा कर पोस्ट की तारीख देखी और सर पीट लिया, लगता है कि बना ही दिया मैट ने अप्रेल फूल।

और मज़ेदार शगूफ़ेः