2.2 वर्डप्रेस की महत्वाकांक्षी रीलीज़ है जिसमें इस ब्लॉगवेयर में अनेक सुधार किये गये हैं। हालांकि वर्डप्रेस के हर नये रीलीज़ को तुरंत स्थापित करने की गलती कभी नहीं करनी चाहिये क्योंकि प्रयोक्ता समुदाय की राय जैसे जैसे सामने आती है वे पुनः कई बदलाव करते हैं। ज़ाहिर है प्रयोक्ता समुदाय से बड़ा जाँच दल […]
स्पष्टिकरणः यह समूची पोस्ट अप्रेल फूल बनाने के लिये लिखी मजाकिया पोस्ट है, इसमें कही बातें सरासर गप्प हैं और केवल मजे लेने के लिये ही लिखी गई हैं। पाठकों को याद होगा कि चिट्ठा चर्चा में मेरे लगाये कयास पर एनडीटीवी के अविनाश ने टिप्पणी की थी के ये केवल उनका व उनके सहयोगियों […]
लीक से हटकर ब्लॉगिंग की चर्चा पिछली प्रविष्टि में छेड़ी गई थी जिसमें मैंने टंबललॉग का ज़िक्र किया था। इस बार बात करते हैं चिट्ठाकारी के एक और अत्यंत ही रचनात्मक तरीके “हस्तलिखित चिट्ठाकारी” या “इंक ब्लॉगिंग” की। इंक ब्लॉग लिखने के लिये लेखक प्रविष्टि टाईप न कर अपनी हस्तलिपि में ही कागज़ पर लिख […]
ब्लॉगिंग विधा कितनी लोकप्रिय है यह हम सब ही जानते हैं, हर कोई अपनी बात कहने को उत्सुक है। विधा पनपी तो इसने अन्य अनेक रूप गढ़ने शुरु किये, केवल कड़ियों का समावेश करने वाले लिंकब्लॉग, मोबाईल फोन से की जा सकने वाली मोब्लॉगिंग, अपनी आवाज़ को रिकार्ड कर प्रविष्टि का रूप दी जा सकने […]
जी हाँ दिल्ली की ब्लॉगर मीट की सुनने के बाद होश आया कि दो ऐसी ब्लॉगर मीट तो सितंबर 2006 में पुणे में भी हो चुकी हैं जिनकी कहीं भी तस्वीरें नहीं प्रकाशित कि गईं। बहरहाल, ये ब्लॉगर मिलन की खबर बासी सही, चित्र सर्वथा अप्रकाशित हैं। पहले चित्र में मैं हूं रमण कौल के […]
अर्थनीति जैसे विषयों में मेरी खास रुचि नहीं रही पर फिर भी इंडियन इकॉनामी ब्लॉग पर नज़र रखता रहा हूँ। गये साल होम लोन लेने के बाद मुझे भूसंपत्ति के बारे में थोड़ी जानकारी बढ़ाने का मौका मिला और लगातार बढ़ती कीमतों और कर्ज़ दरों को लेकर चिंतित भी रहा। इस बीच लोगों से चर्चा […]