आई अब हबारी की बारी

हर उत्पाद का एक जीवन चक्र होता है। जब वर्डप्रेस का पदार्पण हुआ तो लगा था कि ब्लॉगर के दिन लद गये। पहले जो लोग ब्लॉगर की मुफ्त होस्टिंग की वजह से अटके थे, वर्डप्रेस डॉट कॉम के होस्टेड हल के आने के बाद वे भी पलायन कर गये। ब्लॉगर जब बीटा से बाहर निकला […]

रीव्यूमी: क्या यह व्यावसायिक चिट्ठाकारिता है?

भारतीय काफी छिद्रान्वेशी होते ही हैं॥ हर सेवा, हर चीज़ पर नाकभौं सिकोड़ना, हर बात में नुक्स निकालना और यहाँ तक की अपने ब्लॉग का नाम और विषय भी नुक्ताचीनी रख लेना। पर और अगर यह सब करने के लिये पैसे भी मिलने लगे तो? “स्वपोषित ब्लॉगविधा” या “व्यावसायिक चिट्ठाकारिता” के समर्थक मेरे कई ब्लॉग […]

तुम भी फीड बर्न कर लो

जब मेरा अंग्रेज़ी ब्लॉग जेरौलर पर हुआ करता था तब फीडबर्नर की मकबूलियत के बावजूद कभी आजमाया नहीं। अपनी चीज़ दूसरे के हाथ देने में डर तो लगता ही है। पर जब वर्डप्रेस पर ब्लॉग स्थानांतरित हुआ तो अपनी इस हिचक पर कोफ़्त हुआ। मेरा ब्लॉग कहीं भी रहे उसके फीड का पता भी क्या […]

ब्लॉगस्ट्रीट: नाम करेगा रौशन

ब्लॉगस्ट्रीट अपने नये अवतार में हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं के ब्लॉग पर काफी तवज्जोह दे रहा है। ताऊ का ब्लॉग टॉप 100 ब्लॉग में तो शुमार था ही, हाल ही में जो न कह सके और आज नुक्ताचीनी को “ब्लॉग आफ द डे” होने का सम्मान मिला। जालस्थल ने अपनी रेटिंग पद्धति को सुधारने […]

नारद की अनुपस्थिती और अस्थाई जुगाड़

नारद के अस्थाई रूप से बंद होने से हम सभी को ब्लॉक्सीज़न मिलनी बंद हो गई है। ठीक है चिट्ठा विश्व भी है पर यह ब्लॉगडिग्गर की कृपा पर निर्भर रहता है और ब्लॉगडिग्गर महाशय आजकल मनमर्जी से अपडेट होते हैं। आज टेक्नोराती के भ्रमण के दौरान अपने राम को सूझी कि क्यों न उसके […]

पहला भारतीय ब्लॉगकैम्पः संतोषजनक शुरुवात

भारत की कथित ब्लॉग राजधानी में काफी हलचल है, जी नहीं राजनैतिक सरगर्मी नहीं, भारत के सबसे बड़े अनकाँफ्रेस के रूप में प्रचारित पहले ब्लॉगकैंप का ज़िक्र कर रहा हूँ। यह दो दिवसीय विहंगम आयोजन, जिसमें सुलेखा की खासी भादीगारी है, चैन्नई में इस सप्ताहांत हो रहा है, अनेकानेक लोगों की भागीदारी है और विविध […]