फिर बहाये गये घड़ियाली टसà¥à¤¯à¥‡
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नागरिक सूरà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ की तालीबानी कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हतà¥à¤¯à¤¾ को इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤¨à¤¿à¤• मीडिया की काफी तवजà¥à¤œà¥‹à¤¹ मिली। सरकार ने निंदा का बयान जारी किया और सूरà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ की विधवा को नौकरी और मà¥à¤†à¤µà¤œà¥‡ की रकम देने की घोषणा की। इसके सापेकà¥à¤· कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ कीजिये दिलà¥à¤²à¥€ में लà¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मारे गये किसी अधेड़ की या पà¥à¤£à¥‡ में सड़क दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ में जान गंवा बैठे किसी वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤ˆ की विधवा और आशà¥à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के हाल के बारे में। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ किसी ने कà¤à¥€ कोई मà¥à¤†à¤µà¤œà¤¾ नहीं दिया, न कोई नौकरी। मà¥à¤à¥‡ मृतक के परिवार से पूरी सहानà¥à¤à¥à¤¤à¤¿ है और मैं मानवीय आधार पर की गई मदद का विरोध नहीं कर रहा पर सचाई यह है कि सूरà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना के सदसà¥à¤¯ नहीं थे, वे किसी अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ मदद दल के à¤à¥€ नही थे, वे बाहरेन की किसी टेलीकॉम कंपनी के लिये काम करते थे, ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पैसे की चाह की वजह से उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह नौकरी शायद संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ खतरों की जानकारी होते हà¥à¤¯à¥‡ à¤à¥€ की। आरà¥à¤¥à¤¿à¤• हितों के लिये अपनी सरजमीं से दूर खतरों से खेलने वाले नागरिकों के लिये कà¥à¤¯à¤¾ सरकार अपनी सेना की टà¥à¤•ड़ी उनके साथ à¤à¥‡à¤œà¤¤à¥€ या à¤à¤¸à¤ªà¥€à¤œà¥€ के कमांडो? या फिर हर आतंकी मांग के सामने घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ टेक देती रहे?
इंडीयन à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ के अपने कॉलम में सौà¤à¤¿à¤• चकà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¥€ ने यह मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बड़ी साफगोई से उठाया है। लेखक का मत है कि à¤à¤¸à¥€ जगहों पर जाने वालों के लिये टà¥à¤°à¥‡à¤µà¤² à¤à¤¡à¤µà¤¾à¤ˆà¤œà¤¼à¤°à¥€ जारी कर के सारे संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ खतरों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आगाह कर दिया जाना चाहिये , बस! इसके बाद à¤à¥€ जो जाना चाहे तो जाये पर अपनी जिमà¥à¤®à¥‡à¤µà¤¾à¤°à¥€ पर। सरकार को कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कर इनकी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ लेनी चाहिये? सौà¤à¤¿à¤• का मानना है कि सही सरकारी कदम होना चाहिये कि बीमा कंपनियों को à¤à¤¸à¥€ नौकरियों पर जाने वालों के लिये बीमा पॉलिसियाठबनवाये और पॉलिसी लेना लाज़मी कर दे। पà¥à¤°à¥€à¤®à¤¿à¤¯à¤® का à¤à¥à¤—तान नौकरी देने वाली कंपनी ही करे ताकि जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° कंपनियों की शिनाखà¥à¤¤ à¤à¥€ हो सके।
बिना किसी ठोस और सही कदम उठाये हर à¤à¤¸à¥€ मौत पर घड़ियाली टसà¥à¤¯à¥‡ बहाने का कोई औचितà¥à¤¯ नहीं है।
वाकई में सौà¤à¤¿à¤• ने सही लिखा है।
सौà¤à¤¿à¤• का तरà¥à¤• काफ़ी हद तक ठीक लगता है, लेकिन उसे शत-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ ठीक नहीं कहा जा सकता.
सूरà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ को मारा गया इसलिठनहीं कि वो बहरीन की किसी कंपनी की ओर से ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पैसे की लालच में अफ़गानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में काम कर रहे थे. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मारा गया इसलिठकि वो à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नागरिक थे. ग़ौर करें तालेबान की माà¤à¤— पर. तालेबान ने चौबीस घंटे के à¤à¥€à¤¤à¤° सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ को अफ़ग़ानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से निकल जाने को कहा. कहने का मतलब ये कि तालेबान की नज़र में सूरà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ का सबसे बड़ा ज़à¥à¤°à¥à¤® उसका à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ होना था. à¤à¤¸à¥‡ में उसके परिवार के à¤à¤°à¤¨-पोषण की कà¥à¤›-न-कà¥à¤› ज़िमà¥à¤®à¥‡à¤µà¤¾à¤°à¥€ तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार की बनती ही है.
जहाठतक मà¥à¤†à¤µà¤œà¤¼à¥‡ की बात है तो हर उस परिवार को किसी कमाऊ पूत के गà¥à¤œà¤° जाने पर सरकारी सहायता मिलनी चाहिठजिनकी आय का कोई और ठोस ज़रिया जैसे बीमा, अनà¥à¤•ंपा आधार पर नौकरी आदि नहीं हो. अब चाहे मारे गठवà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की जान तालेबान ने ली हो, किसी अपराधी ने या किसी धनपशॠने, या फिर उसकी मौत किसी दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ में ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न हà¥à¤ˆ हो. (यहाठहमें पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ देशों से तà¥à¤²à¤¨à¤¾ करने की ज़रूरत नहीं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वहाठकी सरकारें वैसे à¤à¥€ किसी को à¤à¥‚खा-नंगा-बेघर नहीं रहने देती.)
सूरà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ के मामले में तो सरकार की कोई à¤à¤¡à¤µà¤¾à¤‡à¤œà¤¼à¤°à¥€ à¤à¥€ नहीं थी. पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ देशों के यà¥à¤¦à¥à¤§à¤µà¤¿à¤°à¥‹à¤§à¥€ कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¤¾ सरकारी सलाह की अनसà¥à¤¨à¥€ कर इराक़ जैसी ख़तरनाक जगह पर जाकर आतंकवादियों के चंगà¥à¤² में फंस जाते हैं, इतना पर à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ छà¥à¤¡à¤¼à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठउनकी सरकारें à¤à¤¡à¤¼à¥€-चोटी à¤à¤• कर देती हैं. ख़à¥à¤¶à¥€ की बात है à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने à¤à¥€ हर à¤à¤¸à¥‡ मौक़े पर राजनयिक सकà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ दिखाई है, à¤à¤²à¥‡ ही मीडिया के दबाव में आकर वो à¤à¤¸à¤¾ करती हो.
हिनà¥à¤¦à¥€ बà¥à¤²à¥‹à¤—र ने जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सही लिखा है
आपके विचार इस विषय पर लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ मत के करीब है और तरà¥à¤• सही à¤à¥€ हैं। दरअसल सतà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ की मौत से ही यह बहस जनà¥à¤®à¥€ है कि परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ बीमा और à¤à¤¡à¤µà¤¾à¤ˆà¤œà¤¼à¤°à¥€à¤œà¤¼ यथासà¥à¤¥à¤¾à¤¨ होते तो शाà¥à¤¯à¤¦ ये वाकये न होते और गर होते तो परिवार की आरà¥à¤¥à¤¿à¤• हाल पर असर नहीं पड़ते। तालिबानी कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थी पहले à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ की जान लेते रहे हैं। हम उनसे किसी वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤•ता की उमà¥à¤®à¥€à¤¦ ना सही पर अपने नागरिकों और सरकार से तो रख ही सकते हैं।
बà¥à¤¤à¥‡ वैशà¥à¤µà¤¿à¤• बाजार में सिरà¥à¤« पॉलीटिकल करेकà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡à¤¸ से काम नहीं चलने वाला। दरकार होगी नियमों और दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•ोण में बदलाव की।
बिलà¥à¤•à¥à¤² सहमत हूà¤à¥¤