वक्त भी कैसे कैसे रंग दिखाये! कुछ साल पहले तक भारतीय मूल के हॉलीवुड फिल्म निर्माता जगमोहन मूँदड़ा अपनी सी ग्रेड फिल्मों के लिये जाने जाते थे। उनकी फिल्मों की पटकथा में कहानी का कम और सेक्स सीन्स का महत्व ज्यादा रहता था। दर्शक ऐसी फिल्मों में “काम के सीन्स” देखने के लिये ही टिकट […]
फिल्में क्यों देखता हूँ? मुझे अच्छा लगता है। हम सभी आक्सीजन, जल और हवा पर जीते हैं पर मन की खुराक कुछ और ही होती है। फिल्में मुझे भाती हैं। जब कभी मन खराब होता है तो यह मुझे गुदगुदाकर हंसा देती है, जब अकेला होता हूँ तो मेरा साथ देती हैं, जब परिवार और […]