ज़ेमांटा द्वारा अपनी ब्लॉगिंग में चार चाँद लगायें
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पिछले साल पहली अप्रेल को गूगल के बारे में जानकारी देने वाले एक ब्लॉग “गूगल सिस्टम” ने “गूगल लैब्स” के एक नये अनुप्रयोग “गूगल राइटर” के बारे में लिखा। यह बड़े ही काम का एप्लीकेशन था। दिन शुरु होते ही आप अपने ब्लॉग पर एक छोटी सी नई पोस्ट लिखते और यह चमत्कारी अनुप्रयोग उसी के आधार पर न केवल आपको संबंधित विषयों, ताज़ातरीन खबरों का सुझाव देता बल्कि आप के लिये प्रविष्टि का शीर्षक और पोस्ट के साथ लगाये जा सकने वाले उचित इमेजेस भी बताता। ये न केवल आपके पोस्ट की व्याकारण की अशुद्धियाँ ठीक कर देता बल्कि आपकी लेखन शैली, पसंदीदा लेखक और ब्लॉग्स का पता लगाकर आपकी पोस्ट को पूरा भी कर देता।
ज़ाहिर तौर पर यह पोस्ट बस अप्रेल फूल बनाने के लिये लिखी थी। “गूगल राईटर” महज़ एक खयाली एप्लीकेशन था। पर स्लोवेनिया से जन्मी और लंदन में वेंचर फंडिंग द्वारा पोषित एक नई युरोपिय स्टार्टअप ज़ेमांटा ने इस मज़ाक को काफी हद तक हकीकत में बदल डाला है। ज़ेमांटा ने 27 मार्च 2008 को अपने ब्राउज़र आधारित सिमेंटिक अनेलिससि इंजन का अल्फा संस्करण जारी किया है। यह पोस्ट लिखते समय प्रासंगिक कड़ियाँ, चित्र, सामग्री और टैग सुझाता है जिससे पोस्ट लिखना बच्चों के खेल बन सकें। ये लेख 300 से ज्यादा स्रोतों से लाकर दिखाये जाते हैं। सुझाये चित्र विकिमीडिया कामंस, फ्लिकर, शटरस्टॉक और फोटोलिया जैसे माध्यमों से लिये जाते हैं। फिलहाल यह केवल अंग्रेज़ी चिट्ठों के ही काम का है और केवल फायरफाक्स पर ही चलता है, पर यह लगभग सभी लोकप्रिय ब्लॉगिंग प्लैटफॉर्म जैसे ब्लॉगर, वर्डप्रेस, मूवेबल टाईप, लाइव जर्नल और टाईपपैड के लिये उपलब्ध है।
ज़ेमांटा का प्रयोग करने के लिये आपको बस इसका फायरफॉक्स एक्सटेंशन डाउनलोड कर अपने ब्राउज़र पर स्थापित करना होगा। यानि किसी प्लगिन या विजेट को लगाने की दरकार नहीं है। इसके बाद आप जैसे ही ब्लॉगर या वर्डप्रेस के नये पोस्ट लिखने के स्क्रीन पर पहुंचकर लिखना शुरु करेंगे, साईडबार पर ज़ेमांटा अब तक लिखे मसौदे के आधार पर आपको प्रासंगिक चित्र और कड़ियाँ दिखाता रहेगा जिनका आप पोस्ट में केवल एक क्लिक कर प्रयोग कर पायेंगे। ज़ेमांटा खुद ही आवश्यक एचटीएमएल भी बना देता है। और तो और ज़ेमांटा आपको प्रासंगिक टैग का भी सुझाव देता है, मुझे यह फीचर तो बड़ा पसंद आया क्योंकि अक्सर हम एक ही टैग अलग अलग पोस्ट में अलग अलग तरीके से से लिख जाते हैं। ज़ेमांटा के सुझाये सटीक टैग से यह दिक्कत भी दूर हो जाती है। अगर आप चाहें तो यह मसौदे में मौजूद शब्दों और वाक्याशों यानी फ्रेज़ेस को कड़ियों यानि हाईपलिंक्स में भी बदल सकता है। कड़ियों को हटाना भी बड़ा आसान है। जाँच के लिये मैंने कुछ पुरानी पोस्टों के साथ प्रयोग किया और नतीजे, खासतौर पर टैग सजेशन बेहद अच्छे लगे। दिक्कत बस पोस्ट में मौजूद शब्दों को प्रासंगिक हाईपरलिंक में बदलनें के फीचर में लगी, क्योंकि ये कड़ियाँ पोस्ट से काफी जुदा होती हैं और पाठक को भ्रमित कर सकती हैं। कहना न होगा कि कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें मनुष्य खुद ही करे तो बेहतर होता है।
एक बेहतरीन बात यह कि सारी सुझाई सामग्री आप कॉपीराईट के बारे में फ़िक्र किये बगैर प्रयोग कर सकते हैं, जहाँ ज़रूरी हो ज़ेमांटा आपको “एट्रीब्यूशन लिंक के साथ” एचटीएमएल बना कर देता हैं। एक ब्लॉगर के रूप में आपको लग सकता है कि रिलेटेड लिंकस दिखाने से कहीं आपके पाठक ब्लॉग छोड़ दूसरी साईटों की और पलायन तो नहीं कर जायेंगे। पर यह अंदेशा शायद पूरी तरह सही नहीं है। अंतर्जाल तो है ही हाईपरलिंक आधारित। सटीक और प्रासंगिक कड़ियाँ दिखाने से गूगल के सटीक विज्ञापन दिखने के अवसर बढ़ेंगे और आपके पाठक भी आपके ब्लॉग पर लौटेंगे क्योंकि प्रासंगिक कड़ियों से उन्हें अधिक जानकारी मिल जाती है। पोस्ट के साथ चित्र पाठक का ध्यानाकर्षण करते हैं और इनका प्रयोग करना भी आसान हैं, न अपलोड का झंझट न चित्र का आल्टटेक्स्ट, साईज़ इत्यादी सेट करने का झंझट।
अगर आप धीमे इंटरनेट कनेक्शन पर हैं तो लंबे समय तक लोडिंग का संदेश देखने के लिये तैयार रहिये। साथ ही हिन्दी ब्लॉग के साथ इसका प्रयोग इतना फलदायी सिद्ध नहीं होगा। फीचर्स की बात की जाय तो अच्छा होता अगर ज़ेमांटा यह चुनने का विकल्प भी दे कि कड़ियाँ किन साईटों से सुझाये जायें। एचटीएमएल भी ऐसा बनाया जाया जाना चाहिये कि सारी कड़ियाँ नये विंडो में ही खुलें। इसके अलावा मुझे लगता है कि हर कड़ी और पोस्ट के साथ ज़ेमांटा को अपना नाम दिखाने के लोभ से बचना चाहिये, उनकी मेहनत का श्रेय अगर हम अपने साइडबार में कहीं एक जगह दे सकें तो ज्यादा अच्छा लगे। मुझे यह भी अंदेशा है कि ज़ेमांटा की मदद से लिखी पोस्ट में चित्र क्या हमेशा उपलब्ध रहेंगे?
ज़ेमांटा सिमेंटिक अनेलिसिस पर काम करता है। यानि वाक्यों और शब्दों को भाषाई और सांस्कृतिक संदर्भ से परे रख केवल उसके निहितार्थ आधारित विश्लेषण। देखा जाये तो यह सुविधा कुछ समय पूर्व जारी याहू शार्टकट्स जैसी ही है, फ़र्क इतना है कि याहू शार्टकट्स केवल फ्लिकर और याहू सेवाओं में ही खोजकर कड़ियां व सामग्री सुझाता है, ज़ेमांटा का विस्तार अधिक व्यापक है। ज़ेमांटा के निवेशकों की दृष्ट से देखें से इस अनुप्रयोग से कमाई के ज़रिये बेजोड़ हैं, सुझाव के रूप में दिखाई जा रही कड़ियों और चित्रों में paid links डालना आसान होगा।
कुल मिलाकर ज़ेमांटा ब्लॉगरों के लिये काफी काम की जुगत है और अगर आप अंग्रेज़ी में लिखते हैं तो अपनी चिट्ठाकारी में निखार लाने के लिये यह कारगर सिद्ध हो सकता है। आज़मा कर देखें!
यह मायोपिक दृष्टि हिन्दी ब्लॉग जगत में भरपूर है।
जेमांटा एक शानदार प्रोडक्ट है, लेकिन अभी यह हिन्दी सपोर्ट नही करता है। मैने इसको अपने गाड़ी ब्लॉग पर कवर किया था, इसके निर्माताओं की तरफ़ से वहाँ पर टिप्पणी भी है, उसे जरुर देखें।
अच्छी जानकारी है सर जी, जब “अग्निलोमड़” उपयोग करेंगे तब सोचेंगे, क्या अभी यह IE 6.0 में चलने लायक है?
सुरेश: फिलहाल तो यह फायरफॉक्स पर ही चलता है, वैसे जेमांटा वालों का कहना है कि इंटरनेट एक्प्लोरर का संस्करण अगले सप्ताह ही जारी हो जायेगा। पर आप अग्निलोमड़ को क्यों नही अपना रहे? 🙂
देर से सही, पर अच्छी जानकारी , धोनबाद !