Tarakashबेंगाणी बंधुओं की मेहनत रंग लाई है और तरकश नये नवेले स्वरूप में समूह बलॉग के रूप में प्रस्तुत किया गया है। तरकश का नया रूप और कलेवर मनोहारी है, छवि की टीम है ही होनहार कलाकारों का जमावड़ा। तरकश में पंकज, संजय और रवि जैसे पुराने खिलाड़ी तो हैं ही, ब्लॉगिंग के बाण साधने निधि, समीर और सागर जैसे सधे तीरंदाज़ भी दल में शामिल किये गये हैं। फिलहाल यहाँ १२ से अधिक चिट्ठे हैं पर सच्चा समूह ब्लॉग बनाने के लिये इसमें श्रेणीवार प्रविष्टियाँ दिखाने और खोजने की व्यवस्था करनी होगी। साथ ही आशा है कि वर्तनी का भी ध्यान रखा जायेगा 😉

तरकश पर लगे विज्ञापन हिन्दी ब्लॉगिग के नये रूख की ओर संकेत करते हैं, मुझे लगता है कि ऐसे जालस्थलों को लंबी रेस का घोड़ा बनाने के लिये इन्हें स्वपोषित करना ज़रूरी भी है, हालांकि पंकज ने कहा है कि वे निकट भविष्य में इस जालस्थल से कमाई होने की कोई संभावना नहीं पाते और फिलहाल तरकश को चलाने का खर्च इनकी संस्था छवि ही वहन करेगी।

आशा है कि आगामी समय में यह समूह ब्लॉग सफलता और यश दोनों प्राप्त करेगा। मेरी ओर से तरकश के दल को हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!