कोलैबोरेटिव, विज़्डम आफ क्राउड्स, सोशियल नेटवर्किंग। सब सुने शब्द हैं न? आजकल तो इन्हीं शब्दों का अंतर्जाल पर बोलबाला है और इसमें एक नया अध्याय जुड़ रहा है। मशहूर प्रकाशक पेंग्विन ने इसी भावना से एक विकीनोवल का विचार प्रस्तुत किया है, अ मिलियन पैंग्विंस में जिसमें विकी के द्वारा उपन्यास लिखें जायेंगे। हालांकि ऐसे प्रयास नये नहीं हैं, मुझे याद है कि तारा देशपांडे, जिन्हें आप उनकी वाहियात बॉलिवुड फिल्मों के कारण बेहतर जानते होंगे, ने 6 साल पहले कोलैबोरेटिव पुस्तक का विचार बनाया था, मालूम नहीं यह हो सका या नहीं। और हमारे अपने हिन्दी चिट्ठाजगत की कारस्तानी बुनो कहानी को भी भूलना नहीं चाहिये।