देखिये कौन कर रहा है गूगल अनुवादक का प्रयोग
भले मैं और आप और खास तौर पर भाषा शुद्धतावादी फिलहाल गूगल अनुवादक में नई जोड़ी गई हिन्दी अनुवाद की सेवा का फिलहाल प्रयोग न कर रहे हों पर लगता है स्पैमरों ने ज़रूर इसका इस्तेमाल करना शुरु कर दिया है। स्पैमर शायद हर तरह की तकनलाजी के early adopters होते होंगे 😉
आज नुक्ताचीनी और ग्लोबल वॉयसेज़ हिन्दी दोनों पर निम्नलिखित स्पैम टिप्पणी आईः
उच्च , मेरे प्रिय मित्र हैं , तो आपके पास एक आश्चर्यजनक वेबलॉग यहाँ , निश्चित हैं सुन्दर चित्रों में आपके वेबलॉग अच्छा संकेत है कि अपने स्वाद के फोटोग्राफर . i हूं और मैं एक फोटोग्राफर ईरानी जाएगा खुशी है कि आप मेरी यात्रा वेबलॉग . धन्यवाद
देबू भाई! जितना हो सकता है मैं तो इस अनुवाद सेवा का उपयोग करता हूँ। यह सही है कि वाक्य रचना दुबारा करनी पड़ती है, लेकिन शब्दों के सही अर्थ तलाशने के लिए दिमाग पर जोर कम देना पड़ता है। यह स्पेम भी हो सकता है। और किसी पाठक द्वारा अपने अंग्रेजी या किसी अन्य भाषा में की गई टिप्पणी को अनुवाद कर चेप दिया हो।
दिनेश जीः ये टिप्पणी तो स्पैम ही थीं जो कि उसके साथ दिये जालपते से उजागर होता था, जिसे मैंने प्रकाशित नहीं किया।
स्पैमर ज्यादातर तो अपने संदेशों में जालपते भर देते हैं, पर अक्सर वे वर्डप्रेस में दी एक अन्य सुविधा, जिसमें हम पहले टिप्पणी कर चुके पाठक की टिप्पणी मॉडरेट न करने का विकल्प चुन लेते हैं, का लाभ उठाने के लिये पहले बड़ी मासूम टिप्पणी करते हैं ताकि अगर गलती से अप्रूव हो जाये तो अगली दफा वे आपके ब्लॉग पर हमला बोल दें। पर चुंकि काम जल्दी का होता है तो अक्सर टिप्पणी का मसौदे से कोई लेना देना न होने से हमें स्पैम का आसानी से पता चल जाता है। कई स्पैमर ज्यादा टिप्प्णियों वाली पोस्ट में कोई पुरानी टिप्पणी भी कॉपी पेस्ट कर देते हैं ताकी वो पोस्ट से संबद्ध लगे। ये लोग हम सब से बहुत होशियार हैं हर तकनीक में।
ऐसे शानदार उपयोग के बारे में सोचा ही नहीं था. दाद देनी होगी.
ये टिप्पणी मुझे भी मिली एक पुरानी पोस्ट पर, ये स्पामर तो है ही, लेकिन दिया गया जाल पता किसी भी तरह से आपको गुमराह नही करता, वो अरेबिक मे है, और मैने उसको अंग्रेजी मे अनुवाद करके पढ़ा है।
केवल इतना ही नहीं कई लोगों ने इसी अनुवादक का उपयोग करके अपने अंग्रेजी या अन्य भाषाओं के ब्लोग़ को हिन्दी में भी प्रकाशित कर दिया है. जरा हिन्दी शब्द “डोमेन नाम” से गूगल में सर्च तो करें. देखें क्या मिलता है.
राम: “गुमराह नहीं करता” बात स्पष्ट नहीं हुई। विस्तार से बतायें न?
काकेशः बढ़िया खोज है। चलिये इसी बहाने जाल पर हिन्दी सामग्री बढ़ेगी 🙂
उसने लिखा है कि “ईरानी फोटोग्राफर हूँ और मेरे ब्लॉग पर तशरीफ़ लायें” इतना तो आजकल नये चिट्ठाकार भी करते है 🙂
आपकी नहीं जानता मेरी नज़र में तो यह स्पैमिंग ही है। स्पैम का मतलब होता है एक ही जैसा अवांछित संदेश अनेक लोगों को बिना उनकी अनुमति लिये भेजना। कम से कम मैं तो किसी ईरानी ब्लॉग पर जाकर अपने हिन्दी ब्लॉग को पढ़वाने की जिरह नहीं करने वालों में शुमार नहीं।
यहाँ पर नजर मारें –
http://yumyumfood-chakra.blogspot.com/2008/07/blog-post_04.html
ऐसे दर्जनों हिन्दी स्पैम ब्लॉग रोज बन रहे हैं – कहीं से मारी गई सामग्री को गूगल औजार से हिन्दी अनुवाद कर चेंप दिया…
हा हा, मजेदार। गूगल बाबा सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। 🙂
abhi maine google anuvaadak ka prayog nahi kiya hai lekin ye widget apne blog par daalna chahtaa hoon.