छा न पाई बदली
टैगिंग का जोर बढ़ता जा रहा है। इस बीच देसीपंडित पर देखा तो पता चला टैगक्लाउड यानी “टैगों की घटा” के बारे में। मज़ेदार चीज़ है, काफी कुछ टेक्नोराती टैग जैसी। अब जब हिंदी ब्लॉगमंडल में ८० से ज्यादा चिट्ठों का जमघट हो गया है तो टैगक्लाउड से ब्लॉगमंडल में चलती बातचीत के लोकप्रिय विषय जानने के लिये यह बेहतरीन तरीका होता और मैं यह बदली चिट्ठाविश्व पर डालने की सोच रहा था, दुर्भाग्य से यह अंग्रेज़ी शब्द ही बटोरकर दिखाता रहा। टैगक्लाउड वालों को लिखा कोई जवाब न आया, फिर पता लगा कि हजरत याहू की टर्म एक्सट्रैक्शन प्रणाली की मदद लेते हैं। आनन फानन एक जुगाड़ बनाया और तफ्तीश की तो पता लगा कि परेशानी की जड़ यही है, यह अंग्रेज़ी के अलावा कोई और भाषा पर ध्यान नहीं देता। इस टेस्ट पृष्ठ पर हिन्दी के वाक्यांश दे कर देखें तो पता लगेगा।
वैसे याहू की REST पर आधारित यह मुफ्त सेवा सीधी और सरल है। एक्टिवेशन कुंजी पट मिल जाती है और गति तो कमाल की है, वाक्यांश चाहे जितने भारी भरकम हो, जवाबी क्षमल तुरंत हाज़िर। इस सेवा को लोग अलग अलग तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं, कुछ लोग सख्त ख़फा भी हैं, टैगक्लाउड वाले टर्म यानि पद की श्रेष्ठता के आधार पर घटा बनाता है तो साईमन ने इसे आटोमैटिक टैग बनाने के अस्त्र के रूप में ढाल लिया। मैंने अपने अंग्रेज़ी चिट्ठे पर टैगक्लाउड डाल भी दिया। आप भी कुछ सोचिये!
देबाशीष:
मैंने करीब महीने भर पहले टैगक्लाउड को इस बारे में लिखा था और यह जवाब मिला –
Vinay,
We’re working on that one today, actually. Hang tight.
John Herren
Ionzoft, Inc.
दिन बीता, हफ़्ते बीते, महीना होने को है। शायद जैसा आपने लिखा समस्या याहू की तरफ़ से है। उम्मीद है वहाँ भी कोई यूनिकोड की सुध लेगा।
जी हाँ विनय, टर्म एक्सट्रैक्शन के याहू ग्रुप्स का सदस्य बनने पर पता चला कि टैगक्लाउड वाले भी पूछताछ कर रहे थे पर याहू ने टका सा जवाब दिया कि भैया फिलहाल तो यही है, आगे का मालूम नहीं।