अतुल: अब भाई जो बात कम शब्दों में ही वार करे उस पर ज्यादा शब्द क्यों खर्च करा जाय।
अनूपः मेरे प्रयास तो २००२ से चल रहे हैं पर खर्चा ही हुआ है कमाई नहीं।
आपका क्या कहना है ?
लेखक के बारे में
देबाशीष चक्रवर्ती
पुणे स्थित एक सॉफ्टवेयर सलाहकार देबाशीष चक्रवर्ती हिन्दी के शुरुवाती चिट्ठाकारों में से एक हैं। वे इंटरनेट पर Geocities के दिनों से सक्रिय रहे हैं, उन्होंने अक्टूबर 2002 में अपना अंग्रेज़ी ब्लॉग नल प्वाइंटर और नवंबर 2003 में हिन्दी चिट्ठा नुक्ताचीनी आरंभ किया। देबाशीष DMOZ पर संपादक रहे हैं। ... [पूरा पढ़ें]
तुम भी शुरु कर दो.कुछ प्रयास करो.बताओ सबको.
एक पंक्ति के लेख लिखकर नौदो ग्यारह होने की आलोक भाई की अदा आपने भी अपना ली?
अतुल: अब भाई जो बात कम शब्दों में ही वार करे उस पर ज्यादा शब्द क्यों खर्च करा जाय।
अनूपः मेरे प्रयास तो २००२ से चल रहे हैं पर खर्चा ही हुआ है कमाई नहीं।