बात भूख की

डेनियल ने एक अनोखे वाकये का उल्लेख किया है जब भिखारियों ने दान किया जा रहा खाना यह कह कर ठुकरा दिया कि यह खाना गर्मियों के लिए उपयुक्त नहीं है। कारण जो भी हो, डेनियल का यह कहना काफी सही है कि दान के सहारे जीवनयापन करने वाले अब इससे इतने इतराए हुए हैं […]

हालिया चिटठों की कड़ियां

अगर आपने गौर किया हो तो इस चिट्ठे में दाँयीं ओर “हाल के चिट्ठे” दिखते हैं, दरअसल ये जावास्क्रिप्ट इस चिट्ठे के एटम फीड को पार्स करके बनायी गई है। अगर आप अपने ब्लॉग पर इसका उपयोग करना चाहते हैं तो निम्नलिखित कोड यथास्थान पर पेस्ट कर दें। ब्लॉगर.कॉम वाले तो इसका सीधा प्रयोग कर […]

नए पड़ाव

खुशी की बात है कि हिन्दी ब्लॉग के काफिले में नए राही जुड़ते जा रहे हैं। नवागंतुक वैभव पाण्डेय का स्वागत है। इस बीच नजर पड़ी ब्लॉगडिग्गर पर। जानकर अच्छा लगा कि यह कोई साधारण एग्रीगेटर नहीं वरन आपको चिट्ठों का समूह बनाने में भी मदद करता है। ऐसा समूह बनाने का एक लाभ यह […]

काव्यालय ~ इस सफ़र में

मैंने कवि बनने की अपनी नाकाम कोशिशों का ज़िक्र इस चिट्ठे पर कभी किया था। उन दिनों गज़ल लिखने पर भी अपने राम ने हाथ हाजमाया, बाकायदा तखल्लुस रखते थे साहब, बेबाक। तो उन्ही दिनों की एक गज़ल यहां पेश है। अगर उर्दु के प्रयोग में कोई ख़ता हुई हो तो मुआफी चाहुँगा। इस सफ़र […]

रहिमन माया संतन की..

उज्जैन में सिंहस्थ की खबरों में बड़ा अजीब विरोधाभास नजर आता है। भई, बचपन से हम को तो यही सिखाया-बताया गया है कि साधु वैराग का दूसरा नाम होते हैं; मोह-माया, मानवीय कमजोरियों, वर्जनाओं से परे, गुणीजन होते हैं। हो सकता है कि कलियुग की माया हो, वरना मुझे तो ऐसे कुछ संकेत दिखे नहीं। […]

बकाया बातें

फिर वही दौर जब चिट्ठे पढ़ता तो हूँ पर कुछ लिखने का जी नहीं करता। ऐसे में सोचा कुछ बकाया बातें कर ली जाएं। पहले हिन्दी के तकनीकी शब्दों के प्रयोग से संबंधित एक बात। शायद आप को ञात हो, की सूचना प्रोद्योगिकी से संबंधित शब्दों के अंग्रेज़ी से हिन्दी मान्य तजुर्मे यहां उपलब्ध है। […]

हम ब्लॉग

प्राकृत भाषा में ब्लॉग की बात करें तो निःसंदेह अगुआई का सेहरा तमिल भाषियों के सर बंधेगा। हिन्दी चिट्ठों के संसार में नई लहर उठे अभी शायद कुछ माह ही हुए हैं, आलोक ने भी तकरीबन १ साल पहले अपना हिन्दी चिट्ठा शुरु किया था, पर तमिल भाषा में कई चिट्ठाकारों ने मिलकर इस आंदोलन […]

बस आगे बढ़तें रहें

पंकज के मुवेबल टाइप के अनुवाद के दौरान हुई चर्चा में मैंने या विचार रखे थे कि log, trackback, preview, template, password, username, archives, flag, bookmarklet जैसे पारिभाषिक शब्दों को जस का तस लिखना चाहिए, हर शब्द का हिन्दीकरण उचित नहीं। पंकज का मानना है: मैं सोचता हूँ कि अनुवाद ऐसा होना चाहिए जो कि […]