और मुझे लगता था कि ब्लॉगिंग कर भारी पैसा नहीं बनाया जा सकता। डैरेन हर रोज लगभग २३००० रुपये कमाते हैं।
टैगिंग का जोर बढ़ता जा रहा है। इस बीच देसीपंडित पर देखा तो पता चला टैगक्लाउड यानी “टैगों की घटा” के बारे में। मज़ेदार चीज़ है, काफी कुछ टेक्नोराती टैग जैसी। अब जब हिंदी ब्लॉगमंडल में ८० से ज्यादा चिट्ठों का जमघट हो गया है तो टैगक्लाउड से ब्लॉगमंडल में चलती बातचीत के लोकप्रिय विषय […]
रश्क होता है गूगल के लोगों की खिलंदड़ी पर। गूगल मैप्स के कुछ लोगों का ताज़ा शगल है गूगल मैप्स पर आधारित गूगल मून। १९६९ की मानव के चंद्रमा पर पदार्पण के नासा के चित्रों पर आधारित जालस्थल। अब आप पूछेंगे कि शीर्षक में यह “चीज़” क्या बला है! ये तो आपको तभी पता चलेगा […]
वैसे मैं जीमेल नाम का इस्तेमाल गूगल मेल की तुलना में कम ही करता था, पर खबर है कि ट्रेडमार्क की लड़ाई में हार के नतीजतन गूगल मेल “जीमेल” नाम का प्रयोग अब नहीं कर पायेगा। तो क्या नाम होना चाहिये आपके मुताबिक? [कड़ी आभार: एरिक]
अमर सिंह का कथित ब्लॉग पढ़ा। इतने दिनों से सबका लेखन पढ़ते पढ़ते पता चल जाता है कि कौन “में” को “मे” लिखता है, कौन पूर्णविराम की जगह बिंदु लगाता है, कौन किताबें “पड़ता” है, कौन पढ़ता नहीं, कौन लेखन की “ईच्छा” रखता है और कौन कॉमा के पहले “स्पेस” छोड़ता है, कौन लेफ्टी और […]
नेता बनने के लिये जिस्मानी और रूहानी खाल दोनों का मोटी होना ज़रूरी है। जीवन का आदर्श वाक्य होना चाहिये “कोई कहे कहता रहे कितना भी हम को…”। बेटे के साथ अन्याय के नाम पर कब्र मे पैर लटकाये करूणानिधि ने नई पार्टी तैरा दी, राज्यपाल बूटा सिंह के राज्य की नौका के पाल खुलम्म […]