नाइजीरिया की आपा को खुली चिट्ठी

प्रिय श्रीमती जॉय डिश खुशाब आपा, आपको याद होगा कि कुछ महीनों पहले आपने मुझे खत लिखा था। उम्मीद है आप सेहतमंद होंगी। आपका खत पढ़ने के बाद से रो रो कर मेरी आँखे बलूचिस्तान की डबलरोटी की मानिंद सूज गयी थीं। आपको बेवक्त हुये कैंसर का वाकया पढ़कर अल्लाह पर से तो मेरा यकीन […]

पेजेस बंद

पता नहीं गूगल को क्या सूझी, बड़ी शान से गूगल पेजेस (जिसे अब “पेज क्रियेटर” पुकारा जा रहा है) की शुरुवात की घोषणा की, ज़्यादातर इस जीयोसिटिज़ जैसी पुरातन सेवा का वेब २ के ज़माने में लाने का सबब खोजते रहे, पर हैरत की बात यह रही कि प्रारंभ करने के कुछ ही देर बाद […]

गूगल चींटी

गूगल अब एक प्रजाति का भी नाम है। खबर है कि चींटीयों की एक नई प्रजाति का नाम “प्रोसिरेटियम गूगल” रखा गया है। चींटियाँ खोजी प्रवृत्ति की तो होती ही हैं पर यह नाम गूगल अर्थ के द्वारा दी गई मदद के एवज में है। देखा? कोई भी काम छोटा नहीँ होता!

छा न पाई बदली

टैगिंग का जोर बढ़ता जा रहा है। इस बीच देसीपंडित पर देखा तो पता चला टैगक्लाउड यानी “टैगों की घटा” के बारे में। मज़ेदार चीज़ है, काफी कुछ टेक्नोराती टैग जैसी। अब जब हिंदी ब्लॉगमंडल में ८० से ज्यादा चिट्ठों का जमघट हो गया है तो टैगक्लाउड से ब्लॉगमंडल में चलती बातचीत के लोकप्रिय विषय […]

चांद पर चीज़

रश्क होता है गूगल के लोगों की खिलंदड़ी पर। गूगल मैप्स के कुछ लोगों का ताज़ा शगल है गूगल मैप्स पर आधारित गूगल मून। १९६९ की मानव के चंद्रमा पर पदार्पण के नासा के चित्रों पर आधारित जालस्थल। अब आप पूछेंगे कि शीर्षक में यह “चीज़” क्या बला है! ये तो आपको तभी पता चलेगा […]

नाम गुम जायेगा

वैसे मैं जीमेल नाम का इस्तेमाल गूगल मेल की तुलना में कम ही करता था, पर खबर है कि ट्रेडमार्क की लड़ाई में हार के नतीजतन गूगल मेल “जीमेल” नाम का प्रयोग अब नहीं कर पायेगा। तो क्या नाम होना चाहिये आपके मुताबिक? [कड़ी आभार: एरिक]