मटर विथ मेघा

इस साल की इंडीब्लॉगीज़ स्पर्धा के समापन पर जानेमाने अंग्रेज़ी चिट्ठाकार अमित वर्मा ने मुझे मज़ाक में लिखा था, “ये प्रतियोगिता एक बंगाली द्वारा आयोजित है, पिछली दफा इसे एक आधे बंगाली ने जीता (अमित की माताजी बंगाली हैं) और इस साल एक पूरे बंगाली ने। तो अगले साल क्या होने वाला है?” आप भी […]

याहू का ठीकरा और के सर

हाल ही में याहू के भाषाई पोर्टल पर मलयालम मसौदे के चुराने के आरोप याहू पर लगाये गये, काफी हलचल रही है। ऐसे मामलों मे काफी राजनीति भी शामिल रहती है। मैं यह वृत्तांत पढ़ता रहा हूँ पर हाल की याहूधुरविरोधी की प्रविष्टि पढ़कर मुझे बुरा लगा कि इसके बहाने याहू को कंटेंट प्रदान करने […]

भूसंपत्ति की कीमतें : मुख्यधारा का मीडिया अब चेता

अर्थनीति जैसे विषयों में मेरी खास रुचि नहीं रही पर फिर भी इंडियन इकॉनामी ब्लॉग पर नज़र रखता रहा हूँ। गये साल होम लोन लेने के बाद मुझे भूसंपत्ति के बारे में थोड़ी जानकारी बढ़ाने का मौका मिला और लगातार बढ़ती कीमतों और कर्ज़ दरों को लेकर चिंतित भी रहा। इस बीच लोगों से चर्चा […]

अ मिलियन पैंग्विंस

कोलैबोरेटिव, विज़्डम आफ क्राउड्स, सोशियल नेटवर्किंग। सब सुने शब्द हैं न? आजकल तो इन्हीं शब्दों का अंतर्जाल पर बोलबाला है और इसमें एक नया अध्याय जुड़ रहा है। मशहूर प्रकाशक पेंग्विन ने इसी भावना से एक विकीनोवल का विचार प्रस्तुत किया है, अ मिलियन पैंग्विंस में जिसमें विकी के द्वारा उपन्यास लिखें जायेंगे। हालांकि ऐसे […]

अब इंटरनेट ही आपका बुद्धु बक्सा भी

भारतीय अर्थव्यवस्था उबाल पर है और फील गुड फैक्टर राजनैतिक विज्ञापनों से निकल हमारे जीवन में ही क्या इंटरनेट पर भी उतर चुकी है, वह भी वेब २ उन्माद की छौंक के साथ। यूट्यूब का देसी संस्करण बनने के इच्छुक तेरा विडियो, तुम ट्यूब और मेरा विडियो के बाद अब बारी है हाल ही में […]

सुन सुना

इस चिट्ठे के नियमित पाठक रेडियो जॉकी बनने की मेरी छुपी अभिलाषा के बारे में पढ़ चुके होंगे, और यह भी कि कैसे मैं अवसर मिलने पर भी यह पूर्ण न कर सका। पर हाल के दिनों में दो ऐसे अवसर मिले जब मुझे श्रव्य माध्यमों पर बोलने का मौका मिला। पहला मौका था रेडियो […]