नारद के अस्थाई रूप से बंद होने से हम सभी को ब्लॉक्सीज़न मिलनी बंद हो गई है। ठीक है चिट्ठा विश्व भी है पर यह ब्लॉगडिग्गर की कृपा पर निर्भर रहता है और ब्लॉगडिग्गर महाशय आजकल मनमर्जी से अपडेट होते हैं। आज टेक्नोराती के भ्रमण के दौरान अपने राम को सूझी कि क्यों न उसके […]
भारत की कथित ब्लॉग राजधानी में काफी हलचल है, जी नहीं राजनैतिक सरगर्मी नहीं, भारत के सबसे बड़े अनकाँफ्रेस के रूप में प्रचारित पहले ब्लॉगकैंप का ज़िक्र कर रहा हूँ। यह दो दिवसीय विहंगम आयोजन, जिसमें सुलेखा की खासी भादीगारी है, चैन्नई में इस सप्ताहांत हो रहा है, अनेकानेक लोगों की भागीदारी है और विविध […]
आलोक और पंकज ने पहले पहल देखा पर गूगल के हिन्दी विज्ञापन अब यूएफओ के दिखने जैसे विरले नहीं रहे, अक्सर दिख जाते हैं आजकल। देसीपंडित पर आज यह विज्ञापन देखा तो पता लगा कि गूगल वाले हिन्दी मसौदे के इश्तेहार स्वीकारने तो लगे हैं पर किसी तरह की कोई परख नहीं होती। हिज्जों की […]
बेंगाणी बंधुओं की मेहनत रंग लाई है और तरकश नये नवेले स्वरूप में समूह बलॉग के रूप में प्रस्तुत किया गया है। तरकश का नया रूप और कलेवर मनोहारी है, छवि की टीम है ही होनहार कलाकारों का जमावड़ा। तरकश में पंकज, संजय और रवि जैसे पुराने खिलाड़ी तो हैं ही, ब्लॉगिंग के बाण साधने […]
निरंतर काउंटडाउन भाग 6 देबाशीष ने मुझसे पूछा कि मैं निरंतर का किस तरह का हिस्सा बनना चाहूँगा, इसका उत्तर तो केवल यही हो सकता है कि मैं सबसे अच्छा हिस्सा होना चाहूँगा। लेकिन शायद अच्छा हिस्सा होने के लिए, काम कुछ अधिक करना पड़ सकता है, इसलिए अगर सबसे बढ़िया हिस्सा न भी बन […]
निरंतर काउंटडाउन भाग ५ जब चिट्ठाकारी शुरु की लगभग उसी समय निरंतर से भी परिचय हुआ। पहली बार पढकर बहुत आनंद आया। इसलिये कि एक तो पढने का कुछ और मसाला मिला और दूसरे इसलिये कि ये पत्रिका कुछ अलग किस्म की लगी थी। अन्य जाल पत्रिकाओं से अलग इस मायने में थी कि कहानी […]