बढ़ती आर्थिक असमानता: भारत के विकास मॉडल पर सवालिया निशान

बी बीसी की इस हालिया रपट को पढ़ कर काफी चिंता हुई। इसके मुताबिक संरचनात्मक असमानता और तकनीकी बदलाव भारत के उपभोक्ता बाजार और आर्थिक प्रक्षेपवक्र को नया आकार दे रहे हैं। भारत की...

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कृत्रिम मेधा (AI): विरोध से परिवर्तन की ओर

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रति लोगों का विरोध दरअसल एक नई क्रांति की दस्तक है, जहाँ चुनौतियों को अवसरों में बदलने की कला सीखनी होगी।

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क्या इलेक्ट्रिक वाहन मरम्मत के एकाधिकार की ओर बढ़ रहे हैं?

शुरुआती ईवी के विपरीत, नए मॉडलों में अक्सर सीलबंद बैटरी पैक होते हैं, जो मरम्मत और रीसाइक्लिंग रोक कर पर्यावरणीय चुनौतियां पैदा करते हैं।

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एप्रिल फूल बनाया, बड़ा मज़ा आया

शनिवार शाम को अचनक सूझी कि पहली अप्रेल का कुछ मज़ा क्यों न लिया जाय। शशि को फोन लगाया और आइडिया बताया कि क्यों न एनडीटीवी से जुड़े अनुमानों को ही सच कर दिखाया जाय। तय हुआ कि फर्ज़ी साईट मैं बना लुंगा और मसौदा शशि भेज देंगे। रात को शशि की मेल न दिखी […]

गूगल टीआईएसपी: ब्रॉडबैंड दा बाप

स्पष्टिकरणः यह समूची पोस्ट अप्रेल फूल बनाने के लिये लिखी मजाकिया पोस्ट है, इसमें कही बातें सरासर गप्प हैं और केवल मजे लेने के लिये ही लिखी गई हैं। इंटरनेट सर्विस प्रोवाईडर्स की मनमानी और औनेपौने दामों का आखिरकार जोरदार तोड़ आ ही गया है और वो भी गूगल के द्वारा। गूगल ने आज टीआईएसपी […]

साइबर मुहल्ला से जाहिर एनडीटीवी का छुपा अजेंडा

स्पष्टिकरणः यह समूची पोस्ट अप्रेल फूल बनाने के लिये लिखी मजाकिया पोस्ट है, इसमें कही बातें सरासर गप्प हैं और केवल मजे लेने के लिये ही लिखी गई हैं। पाठकों को याद होगा कि चिट्ठा चर्चा में मेरे लगाये कयास पर एनडीटीवी के अविनाश ने टिप्पणी की थी के ये केवल उनका व उनके सहयोगियों […]

मटर विथ मेघा

इस साल की इंडीब्लॉगीज़ स्पर्धा के समापन पर जानेमाने अंग्रेज़ी चिट्ठाकार अमित वर्मा ने मुझे मज़ाक में लिखा था, “ये प्रतियोगिता एक बंगाली द्वारा आयोजित है, पिछली दफा इसे एक आधे बंगाली ने जीता (अमित की माताजी बंगाली हैं) और इस साल एक पूरे बंगाली ने। तो अगले साल क्या होने वाला है?” आप भी […]

अमेरिका में चलेगी गाँधीगिरी?

इराक से हिसाब बराबर करने के बुश के तरीकों, जिसमें अमेरीकी पैसा और खून दोनों ही बहाये गये, को भले लोग कोसें, अमेरीकी सिनेटर और अमेरीकी राष्ट्रपति पद के संभावित रिपब्लिकन प्रत्याशी और अभिनेता फ्रेड थॉम्पसन मानते हैं कि गाँधीवाद अमेरिका के लिये कोई मायने नहीं रखता। उन्होंने हाल ही में वक्तव्य दियाः “द्वितीय विश्वयुद्ध […]

कलिंग का युद्ध फिर शुरु

अगर आपने ध्यान दिया हो तो विगत दो हफ्तों (शायद उससे भी पहले) से विभिन्न चैनलों पर एक सरकारी विज्ञापन दिखाया जा रहा है। एक चिकन पपेट के द्वारा मुर्गियों की सहसा मौत या बीमार मुर्गियों की जानकारी देने का अनुरोध किया जा रहा है। मुझे तभी खटका था कि अखबारों में तो इस तरह […]