क्या इलेक्ट्रिक वाहन मरम्मत के एकाधिकार की ओर बढ़ रहे हैं?

शुरुआती ईवी के विपरीत, नए मॉडलों में अक्सर सीलबंद बैटरी पैक होते हैं, जो मरम्मत और रीसाइक्लिंग रोक कर पर्यावरणीय चुनौतियां पैदा करते हैं।

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कार-मुक्त शहरः भारत के लिए एक अधूरा सपना या एक स्थायी भविष्य?

क्या भारत के लिए कार-मुक्त भविष्य एक कल्पना है? यह लेख बेहतर सार्वजनिक परिवहन और बुनियादी ढांचे में बदलाव की आवश्यकता के मुद्दों पर चर्चा करती है।

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बाबू समझो इशारे

विश्व हिन्दी सम्मेलन अभी अभी समाप्त हुआ है। अभिव्यक्ति पत्रिका में गप्पी की रपट भी छपी है। साथ ही सूचना है दी गई है भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र द्वारा आयोजित डा. होमी भाभा हिंदी विज्ञान लेख प्रतियोगिता-2007 के बारे में जिसके लिए विज्ञान लेख आमंत्रित किये गये हैं। इसके नियमों में एक जगह लिखा है, […]

सप्ताह 28 के स्वादिष्ट पुस्तचिन्ह

मेरा डिलिशीयस पुरालेखागार आईशेयररिडिफ का नया, मीडिया शेयरिंग, जालस्थल। पर नया क्या है?टैग: [ishare rediff media+sharing] बज़ एट्टीनटीवी 18 समूह का मनोरंजन व्यवसाय पर केंद्रित नया पोर्टलटैग: [tv18 bollywood movies entertainment]

छम्मा छम्मा

क्या आप जानते हैं ये किस फिल्म का गाना है? भले तपाक से बोलें या थोड़ा सोच कर, मेरे ख्याल से आप ये बता सकेंगे कि ये अल्का याग्निक का गाया चाईनागेट फिल्म का गीत है। पर इस गीत से जुड़ी एक हालीवुड से जुड़ी कहानी भी है। जी हाँ…ये गीत केवल उर्मिला मातोंडकर पर […]

चार सौ बीसी

अब स्पैमिंग काम ही चार सौ बीसी का है। ना भी बताते तो चलता था।

एग्रीगेटरों के बहाने से

चिट्ठाजगत में जो बदलाव आया है उसे साफ “प्री मुहल्ला” और “पोस्ट मुहल्ला” के रूप में देखा जा सकता है। प्री मुहल्ला, ज्यादातर चिट्ठाकार तकनीकी लोग, जो ज्यादा समय आनलाईन रहते थे, चिट्ठाकारी करते थे। जब उन्होंने ये समुदाय बनते देखा तो साथ हो लिये, दूसरों के मदद करने हेतु जो सीखा उसको लिपीबद्ध किया, […]

एक बात कहूं?

छायाः अक्षय महाजन एक बात कहूं?बचपन के दिन अच्छे थे।कान उमेठे जाने पर दर्द तो होता थापर वो शरारतों में नहीं उतरता था।कान तो अब भी उमेठे जाते हैंपर दर्द ज़रा नहीं होता।अब शरारत करने से जी घबराता है। एक बात कहूं?बचपन के दिन अच्छे थे।लड़ते थे, रोते थे, रुलाते भी थेऔर कुट्टी की उम्र […]