डॉ. नारà¥à¤²à¥€à¤•र केवल समीकरणों और बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤‚डीय सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• नहीं थे। वे उस पीढ़ी के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• थे, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ को सामानà¥à¤¯ जनमानस से जोड़ा।
आगे पढ़ेंदोसà¥à¤¤à¥€ की रिशà¥à¤µà¤¤
जिहà¥à¤µà¤¾ ने हसीब के à¤à¤• हासà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤ªà¤¦ लेख की चरà¥à¤šà¤¾ इस चिटà¥à¤ े में की है। हसीब का मानना है कि अगर कशà¥à¤®à¥€à¤° जीतना है तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ को पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से आगामी कà¥à¤°à¤¿à¤•ेट शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला हार जाना चाहिà¤à¥¤ हैरत होती है कि कलमकार कागज पर कशà¥à¤®à¥€à¤° जैसी समसà¥à¤¯à¤¾ का किस तेजी से हल निकाल लेते हैं। तरस à¤à¥€ आता […]
बाहà¥à¤¬à¤²à¥€ बनने चले बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€
सागरिका घोष मानती हैं कि à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के मन में यह पेच रहा है कि वह बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, कलाकारों और इतिहासकारों का दिल नहीं जीत पाई। सर विदिया को मंच पर ला कर वे इस बात को à¤à¥à¤Ÿà¤²à¤¾à¤¨à¤¾ चाहते हैं। कैसी विडंबना है कि जिस जमात के विचारों को छदà¥à¤® धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¦ या वामपंथी विचारधारा बता कर खारिज […]
वनवास से वापसी
तकरीबन 3 सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ के बà¥à¤²à¥‰à¤— वनवास के बाद वापसी हो रही है। अà¤à¥€ पूरà¥à¤£ रूप से मन à¤à¥€ नहीं बन पा रहा है। सब नया सा लग रहा है। 12 फरवरी, 2004 को मेरी माताजी के पेट के अलà¥à¤¸à¤° की शलà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ की गई। सब ठीक रहा, वो अब घर आ गईं हैं। सà¥à¤–द बात ये […]
पहला संसà¥à¤•ृत चिटà¥à¤ ा
अतà¥à¤¯à¤‚त हरà¥à¤· की बात है कि चिटà¥à¤ ों की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में पहला संसà¥à¤•ृत चिटà¥à¤ ा जसमीत ने कौटिलà¥à¤¯ उपनाम से लिखना पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकिया है। अहो à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤®à¥! आशा है वे नियमित रूप से लिखेंगे।
बाल मजदूरी और हम
मेहमान का चिटà¥à¤ ा: चारू à¤à¤• सीधा†सादा सवाल करती हà¥à¤, बाल मजदूरी कà¥à¤¯à¤¾ है? ज़रा इस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ पर नज़र डालें… विशà¥à¤µ में सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बाल मजदूर à¤à¤¾à¤°à¤¤ में हैं, विशà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ अनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बाल मजदà¥à¤°à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ 6 से 11.5 करोड़ के बीच है। शिवकाशी के पटाखा कारखानों में, बीड़ी और कालीन बनाने […]
कà¥à¤¯à¤¾ वोट डालना अनिवारà¥à¤¯ कर देना चाहिà¤?
आज के दैनिक à¤à¤¾à¤¸à¥à¤•र में मनोहर पà¥à¤°à¥€ ने अपने à¤à¤• लेख* में à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बिंदू पर चरà¥à¤šà¤¾ की है। कà¥à¤¯à¤¾ वोट डालना अनिवारà¥à¤¯ कर देना चाहिà¤? हालांकि लेखक के इस तरà¥à¤• से मैं कतई सहमत नहीं कि वोट न डालने वालों को सरकार के कलापों पर नà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾ चीनी का हक नहीं होना चाहिठपर हाठ[…]