पूछिए फुरसत से, फुरसतिया से

निरंतर काउंटडाउन भाग ३ नामचीन हिंदी अखबार देशबंधु में मंझे साहित्यकार और चिंतक हरिशंकर परसाई का एक कॉलम छपता था “पूछिए परसाई से” जिसमें वे पाठकों के प्रश्नों के उत्तर देते थे। तमाम किस्म के प्रश्न, राजनीति, इतिहास, समकालीन परिदृश्य, साहित्य पर जिनमें कुछ चुटीले सवाल भी शामिल होते थे। निरंतर के पहले अवतार में […]

विज़डम आफ क्राउड्स महज़ किताबी बात नही

निरंतर काउंटडाउन भाग 2 बिल्कुल यही वजह है कि निरंतर, सिर्फ एक मैगैज़ीन नहीं, ब्लॉगज़ीन है। निरंतर के लेखों में सिर्फ संपादक मंडल की ही नही, इसके लेखकों की ही नही वरन् आपकी राय भी सम्मिलित होनी चाहिए। इसी कड़ी में निरंतर के अगस्त अंक में प्रारंभ किया जा रहा है एक नया स्तंभ “जनमंच“। […]

एक और प्रथमः इंटरैक्टिव कहानी

निरंतर काउंटडाउन भाग १ निरंतर एक अभिनव प्रयोग रहा है। यह पहली ऐसी पत्रिका है जो न केवल गैरपेशेवर प्रकाशकों द्वारा निकाली जाती है बल्कि पाठकों को प्रकाशित लेखों पर त्वरित टिप्पणी करने का मौका भी देती है। इस तरह ये सिर्फ ज़ीन नहीं, विश्व की प्रथम ब्लॉगज़ीन बन सकी। किसी भी प्रकाशन में पाठकों […]

बेशर्म सरकार और नादान आईएसपीज़, शर्म शर्म!

लेकिन हमारे पास भी तोड़ है। बस इतना करें यह पता अपने ब्राउज़र पर टाईप करेंhttp://techbytes.co.in/experimental/bypass.php? url=http:// ब्लॉगस्पॉट, टाईपपैड या जीओसीटीज़ के जालस्थल पा पता आखिर में जोड़ दें। उदाहरणतः mysite.blogspot.com पर जाने के लिये पता होगा http://techbytes.co.in/experimental/bypass.php? url=http://mysite.blogspot.com/ आप तैयार हैं मनचाहा ब्लॉग पढ़ने के लिये। सरकार को ठेंगा! [साभारः अतानू]

शॉब्दोः अंग्रेज़ी-असमिया शब्दकोश

जाल पर भारतीय भाषाओं में लिखने वालों की तादात लगातार बढ़ रही है और इसके साथ ही आनलाईन शब्दकोशों की ज़रूरत भी। मैंने एजैक्स इनेबल्ड अंग्रेज़ी-हिन्दी आनलाईन शब्दकोश शब्दनिधि का ज़िक्र कुछ समय पहले किया था। प्रियांकू, जो कि पहले ज्ञात असमिया ब्लॉगर भी हैं, ने सूचना दी है ऐसे ही एक और शब्दकोश के […]

शब्दनिधि : आनलाईन शब्दकोश

हिन्दी की जाल पर बढ़ती लोकप्रियता के साथ एक चीज़ जो लोगों को अक्सर ज़रूरत पढ़ती है वह है अंग्रेज़ी से हिन्दी का शब्दकोश, आनलाईन हो तो क्या कहने। जब बगल में न हो तो मैं स्वयं शब्दकोश डॉट कॉम का ही प्रयोग करता रहा हूँ। काफी समय पहले पंकज ने मुझे एक मुक्त लाईसेंस […]

नाइजीरिया की आपा को खुली चिट्ठी

प्रिय श्रीमती जॉय डिश खुशाब आपा, आपको याद होगा कि कुछ महीनों पहले आपने मुझे खत लिखा था। उम्मीद है आप सेहतमंद होंगी। आपका खत पढ़ने के बाद से रो रो कर मेरी आँखे बलूचिस्तान की डबलरोटी की मानिंद सूज गयी थीं। आपको बेवक्त हुये कैंसर का वाकया पढ़कर अल्लाह पर से तो मेरा यकीन […]

पेजेस बंद

पता नहीं गूगल को क्या सूझी, बड़ी शान से गूगल पेजेस (जिसे अब “पेज क्रियेटर” पुकारा जा रहा है) की शुरुवात की घोषणा की, ज़्यादातर इस जीयोसिटिज़ जैसी पुरातन सेवा का वेब २ के ज़माने में लाने का सबब खोजते रहे, पर हैरत की बात यह रही कि प्रारंभ करने के कुछ ही देर बाद […]