डॉ. नारà¥à¤²à¥€à¤•र केवल समीकरणों और बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤‚डीय सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• नहीं थे। वे उस पीढ़ी के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• थे, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ को सामानà¥à¤¯ जनमानस से जोड़ा।
आगे पढ़ेंचांद पर चीज़
रशà¥à¤• होता है गूगल के लोगों की खिलंदड़ी पर। गूगल मैपà¥à¤¸ के कà¥à¤› लोगों का ताज़ा शगल है गूगल मैपà¥à¤¸ पर आधारित गूगल मून। १९६९ की मानव के चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ पर पदारà¥à¤ªà¤£ के नासा के चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ पर आधारित जालसà¥à¤¥à¤²à¥¤ अब आप पूछेंगे कि शीरà¥à¤·à¤• में यह “चीज़” कà¥à¤¯à¤¾ बला है! ये तो आपको तà¤à¥€ पता चलेगा […]
नाम गà¥à¤® जायेगा
वैसे मैं जीमेल नाम का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² गूगल मेल की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में कम ही करता था, पर खबर है कि टà¥à¤°à¥‡à¤¡à¤®à¤¾à¤°à¥à¤• की लड़ाई में हार के नतीजतन गूगल मेल “जीमेल” नाम का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— अब नहीं कर पायेगा। तो कà¥à¤¯à¤¾ नाम होना चाहिये आपके मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•? [कड़ी आà¤à¤¾à¤°: à¤à¤°à¤¿à¤•]
असली या नकली
अमर सिंह का कथित बà¥à¤²à¥‰à¤— पà¥à¤¾à¥¤ इतने दिनों से सबका लेखन पà¥à¤¤à¥‡ पà¥à¤¤à¥‡ पता चल जाता है कि कौन “में” को “मे” लिखता है, कौन पूरà¥à¤£à¤µà¤¿à¤°à¤¾à¤® की जगह बिंदॠलगाता है, कौन किताबें “पड़ता” है, कौन पà¥à¤¤à¤¾ नहीं, कौन लेखन की “ईचà¥à¤›à¤¾” रखता है और कौन कॉमा के पहले “सà¥à¤ªà¥‡à¤¸” छोड़ता है, कौन लेफà¥à¤Ÿà¥€ और […]
कोई कहे कहता रहे
नेता बनने के लिये जिसà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥€ और रूहानी खाल दोनों का मोटी होना ज़रूरी है। जीवन का आदरà¥à¤¶ वाकà¥à¤¯ होना चाहिये “कोई कहे कहता रहे कितना à¤à¥€ हम को…”। बेटे के साथ अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के नाम पर कबà¥à¤° मे पैर लटकाये करूणानिधि ने नई पारà¥à¤Ÿà¥€ तैरा दी, राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² बूटा सिंह के राजà¥à¤¯ की नौका के पाल खà¥à¤²à¤®à¥à¤® […]
असाधारण है रियली सिंपल सिंडिकेशन
बà¥à¤²à¥‰à¤— जब खूब चल पड़े और चारों और इनके चरà¥à¤šà¥‡ मशहूर हो गये तो इसी से जà¥à¥œà¤¾ à¤à¤• और तंतà¥à¤° सामने आया। जिस नाम से यह पहले पहल जाना गया वह ही इसका परिचय à¤à¥€ बन गया। यूं तो आर.à¤à¤¸.à¤à¤¸ à¤à¤• तरह का कà¥à¤·à¤®à¤² पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प है और इसके बाद आर.डी.à¤à¤«, à¤à¤Ÿà¤® यानि अणॠजैसे अनà¥à¤¯ […]
सृजनातà¥à¤®à¤•ता और गà¥à¤£à¤¤à¤¾ नियंतà¥à¤°à¤£
उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ चाहे कैसा à¤à¥€ हो गà¥à¤£à¤¤à¤¾ यानि कà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤Ÿà¥€ की अपेकà¥à¤·à¤¾ तो रहती ही है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के बारे में कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ लगता नहीं है। शायद इसलिये कि सफलता के कोई तय फारà¥à¤®à¥à¤²à¥‡ नहीं हैं और गà¥à¤£à¤¤à¤¾ नियंतà¥à¤°à¤£ की संकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ किसी कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤µ माधà¥à¤¯à¤® में लाना à¤à¥€ दà¥à¤·à¥à¤•र है। यह बात à¤à¥€ है कि जब बड़े पैमाने […]