क्या इलेक्ट्रिक वाहन मरम्मत के एकाधिकार की ओर बढ़ रहे हैं?

शुरुआती ईवी के विपरीत, नए मॉडलों में अक्सर सीलबंद बैटरी पैक होते हैं, जो मरम्मत और रीसाइक्लिंग रोक कर पर्यावरणीय चुनौतियां पैदा करते हैं।

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कार-मुक्त शहरः भारत के लिए एक अधूरा सपना या एक स्थायी भविष्य?

क्या भारत के लिए कार-मुक्त भविष्य एक कल्पना है? यह लेख बेहतर सार्वजनिक परिवहन और बुनियादी ढांचे में बदलाव की आवश्यकता के मुद्दों पर चर्चा करती है।

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ब्लॉग-संसार का लेखाजोखा

टेक्नोराती के डेविड सिफ्री ने ब्लॉगसंसार का ताज़ा लेखाजोखा प्रस्तुत किया है। इस रपट से कुछ खास बातें हर साढ़े पाँच महीने ब्लॉगमंडल का आकार हो जाता है दोगुना हर सैकंड होता है षक नये ब्लॉग का जन्म, ९ फीसदी ब्लॉग स्प्लॉग होते हैं। हर घंटे करीब ५०,००० नई ब्लॉग प्रविष्टियाँ की जाती हैं टेक्नोराती […]

फरवरी सप्ताह १ के स्वादिष्ट पुस्तचिन्ह

मेरा डिलिशीयस पुरालेखागार सौ साल पहलेअमरीका के सिर्फ १४% घरों में था बाथटब और ८% घरों में फोन! टैग: [1906 america अमरीका] टैगमैनहैंगमैन जैसा खेल डिलिशीयस, टेक्नोराती और फ्लिकर के टैग से। मज़ेदार! टैग: [cv hangman tagman tags टैगमैन हैंगमैन] Nuvvoजाल पर पढ़िये और पढ़ाईये। टैग: [Nuvvo education elearning]

जोक्स असाईड

कल एक नटखट सी नन्ही पोस्ट लिखी और सोचा कि ज़रा मैट के असाईड का करिश्मा देखा जाये। असाईड वर्डप्रेस की के-टू थीम के साथ उपलब्ध है और इसके द्वारा संक्षिप्त से पोस्ट सरलता से दिखायें जा सकते हैं, ईनलाईन या फिर साईडबार पर, मिनी ब्लॉग की तरह। कितने पोस्ट दिखायें जायें, कौन सी श्रेणी […]

आल दी ब्रेस्ट

तो काजोल ने अपनी हसीन बहन तनीशा को अपनी फिल्म “नील एन निकी” की सफलता के लिये क्या कहा? “आल दी ब्रेस्ट”। अब समूची फिल्म में (मेरा मतबल जितनी भी मैं देख पाया) तनीशा ब्रा पहन कर ही घूमती रहीं। दीदार-ए-उभार के सारे रिकार्ड मोहतर्मा की वजह से टूटने से सुना है कि मल्लिका का […]

चाईना रेड थीम का ब्लॉगर रूपांतरण

हिन्दी चिट्ठों के लिये वर्डप्रेस के लोकप्रिय थीम उपलब्ध कराने के प्रयास आवरण की अगली कड़ी में चाईना रेड थीम का ब्लॉगर रूपांतरण प्रस्तुत किया गया है। टेमप्लेट अंग्रेजी या हिन्दी भाषा के ब्लॉग के लिये प्रयुक्त हो सकते हैं। हमेशा की तरह आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।

हर तरह से पसंद हैं फिल्में

फिल्में क्यों देखता हूँ? मुझे अच्छा लगता है। हम सभी आक्सीजन, जल और हवा पर जीते हैं पर मन की खुराक कुछ और ही होती है। फिल्में मुझे भाती हैं। जब कभी मन खराब होता है तो यह मुझे गुदगुदाकर हंसा देती है, जब अकेला होता हूँ तो मेरा साथ देती हैं, जब परिवार और […]