शुरुआती ईवी के विपरीत, नए मॉडलों में अक्सर सीलबंद बैटरी पैक होते हैं, जो मरम्मत और रीसाइक्लिंग रोक कर पर्यावरणीय चुनौतियां पैदा करते हैं।
आगे पढ़ेंजेनेरिक गोरखधंधा
पुणे में आईटी वालों की भरमार है। शहर भी ऐसा है कि लोग बस जाने की सोचते हैं। शहर भी आखिर कितना समोये, सो गुब्बारे की तरह फैल रहा है। वैसे यहाँ के औंध और बानेर जैसे इलाके लोगों की पहली पसंद हैं, सुविधाओं और कार्यस्थल से नज़दीक होने के कारण। चुंकि दावेदार ज्यादा हैं […]
नैन भये कसौटी
दूरदर्शन पर “गोदान” पर आधारित गुलज़ार की टेलिफिल्म आ रही है। पंकज कपूर के किरदार का मृत्यु द्श्य है। श्रीमतीजी, पुत्र और मैं सभी देख रहे हैं। पर अविरल अश्रु बह रहे हैं मेरी आँखों से। जी नहीं, बंद कमरे में भला आंखों में किरकिरी कैसी? यह कोई नयी बात नहीँ है। टी.वी. हो या […]
अनुगूंज ६: चमत्कार या संयोग?
वैसे तो मैं सर्टिफाईड नास्तिक हूँ पर मेट्रिक्स देखने के बाद से मैं इसकी थ्योरी का कायल भी हो गया। कई दफा जीवन में ऐसा हो जाता है कि इस बात पर यकीन सा होने लगता है कि जीवन मानो कोई कंप्यूटर सिमुलेशन हो। एम.आई.बी के अंतिम हिस्से में मेरे इस विचार से मिलता जुलता […]
पहला ख़ुमार
पहले प्यार की बात चल पड़ी तो मुझे भी पहला प्यार याद आ गया। परिणती तक भले न पहुँचा हो पर मन में किसी कोने में यादों की महक तो बाक़ी है। किस्सा चुंकि नितांत निजी है इसलिए सुना कर बोर नहीं करूँगा। पर यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ उन दिनों लिखा एक गीत। कॉलेज […]
मेहमान का चिट्ठाः नितिन
नुक्ताचीनी ने मेज़बानी की तीसरी अनुगूँज की, और विषय ऐसा था जिस पर एक अंग्रेज़ी ब्लॉगर लगातार लिखते रहे हैं, “द एकार्न” के रचनाकार, सिंगापुर में बसे, नितिन पई। पेशे से दूरसंचार इंजीनियर नितिन एक प्रखर व मौलिक चिट्ठाकार हैं। अपने चिट्ठे में वे दक्षिण एशियाई राजनैतिक और आर्थिक परिदृश्य पर खरी खरी लिखतें हैं, […]