बढ़ती आर्थिक असमानता: भारत के विकास मॉडल पर सवालिया निशान

बी बीसी की इस हालिया रपट को पढ़ कर काफी चिंता हुई। इसके मुताबिक संरचनात्मक असमानता और तकनीकी बदलाव भारत के उपभोक्ता बाजार और आर्थिक प्रक्षेपवक्र को नया आकार दे रहे हैं। भारत की...

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कृत्रिम मेधा (AI): विरोध से परिवर्तन की ओर

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रति लोगों का विरोध दरअसल एक नई क्रांति की दस्तक है, जहाँ चुनौतियों को अवसरों में बदलने की कला सीखनी होगी।

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क्या इलेक्ट्रिक वाहन मरम्मत के एकाधिकार की ओर बढ़ रहे हैं?

शुरुआती ईवी के विपरीत, नए मॉडलों में अक्सर सीलबंद बैटरी पैक होते हैं, जो मरम्मत और रीसाइक्लिंग रोक कर पर्यावरणीय चुनौतियां पैदा करते हैं।

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सप्ताह 31 के स्वादिष्ट पुस्तचिन्ह

मेरा डिलिशीयस पुरालेखागार योडल अनेक्डोटलयाहू का कार्पोरेट ब्लॉग टैग: [blog corporate cv yahoo ब्लॉग याहू] एनडीटीवी ब्लॉग्सएनडीटीवी ने शुरु किया ब्लॉगिंग प्लैटफॉर्म, पर समझ न आवै क्यों? शेखचिल्ली जी बतावें! टैग: [blog cv ndtv ब्लॉगिंग]

तकनीकी विषयों को विशेष महत्व मिलेः सुनील

निरंतर काउंटडाउन भाग 6 देबाशीष ने मुझसे पूछा कि मैं निरंतर का किस तरह का हिस्सा बनना चाहूँगा, इसका उत्तर तो केवल यही हो सकता है कि मैं सबसे अच्छा हिस्सा होना चाहूँगा। लेकिन शायद अच्छा हिस्सा होने के लिए, काम कुछ अधिक करना पड़ सकता है, इसलिए अगर सबसे बढ़िया हिस्सा न भी बन […]

निरंतर में पाठकों की पूरी हिस्सेदारी हो: प्रत्यक्षा

निरंतर काउंटडाउन भाग ५ जब चिट्ठाकारी शुरु की लगभग उसी समय निरंतर से भी परिचय हुआ। पहली बार पढकर बहुत आनंद आया। इसलिये कि एक तो पढने का कुछ और मसाला मिला और दूसरे इसलिये कि ये पत्रिका कुछ अलग किस्म की लगी थी। अन्य जाल पत्रिकाओं से अलग इस मायने में थी कि कहानी […]

‘निरंतर’ हिंदी चिट्ठाकारों के सरोकार की आवाज़: ईस्वामी

निरंतर काउंटडाउन भाग 4 निरंतर को इसके प्रारंभ से ही लेखन और प्रकाशन की एकाधिक विधाओं की वर्णसंकरी (हाईब्रीड) के रूप मे देखता रहा हूँ। इन्टरनेट पर होते हुए भी माह में एक ही बार ‘टपकती’ निरंतर इलेक्टॉनिक माध्यम वाली द्रुत अविरलता से नहीं बहती। वहीं हर अंक के प्रकाशन से ही द्वीदिशी संवाद के […]

पूछिए फुरसत से, फुरसतिया से

निरंतर काउंटडाउन भाग ३ नामचीन हिंदी अखबार देशबंधु में मंझे साहित्यकार और चिंतक हरिशंकर परसाई का एक कॉलम छपता था “पूछिए परसाई से” जिसमें वे पाठकों के प्रश्नों के उत्तर देते थे। तमाम किस्म के प्रश्न, राजनीति, इतिहास, समकालीन परिदृश्य, साहित्य पर जिनमें कुछ चुटीले सवाल भी शामिल होते थे। निरंतर के पहले अवतार में […]

७५ लाख पाठक हैं भारतीय भाषाओं की साईट्स के

हालिया इंडिया आनलाईन सर्वे २००६ ब्लॉगजगत के लिये उम्मीदों भरे निष्कर्ष ले कर आई है। इस सर्वे के मुताबिक भारत में तकरीबन २.१ करोड़ इंटरनेट प्रयोक्ता हैं और इनमें से ८५ फीसदी, यानि लगभग १.८ करोड़ ब्लॉग पढ़ते हैं, जिनमें ऐसे लोग भी है जो स्वयं ब्लॉगिंग नहीं करते। आंकड़ें अविश्वनीय लगते हैं पर अगर […]