डॉ. नारà¥à¤²à¥€à¤•र केवल समीकरणों और बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤‚डीय सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• नहीं थे। वे उस पीढ़ी के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• थे, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ को सामानà¥à¤¯ जनमानस से जोड़ा।
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बेंगाणी बंधà¥à¤“ं की मेहनत रंग लाई है और तरकश नये नवेले सà¥à¤µà¤°à¥‚प में समूह बलॉग के रूप में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है। तरकश का नया रूप और कलेवर मनोहारी है, छवि की टीम है ही होनहार कलाकारों का जमावड़ा। तरकश में पंकज, संजय और रवि जैसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ खिलाड़ी तो हैं ही, बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग के बाण साधने […]
सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ 31 के सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤šà¤¿à¤¨à¥à¤¹
मेरा डिलिशीयस पà¥à¤°à¤¾à¤²à¥‡à¤–ागार योडल अनेकà¥à¤¡à¥‹à¤Ÿà¤²à¤¯à¤¾à¤¹à¥‚ का कारà¥à¤ªà¥‹à¤°à¥‡à¤Ÿ बà¥à¤²à¥‰à¤— टैग: [blog corporate cv yahoo बà¥à¤²à¥‰à¤— याहू] à¤à¤¨à¤¡à¥€à¤Ÿà¥€à¤µà¥€ बà¥à¤²à¥‰à¤—à¥à¤¸à¤à¤¨à¤¡à¥€à¤Ÿà¥€à¤µà¥€ ने शà¥à¤°à¥ किया बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग पà¥à¤²à¥ˆà¤Ÿà¤«à¥‰à¤°à¥à¤®, पर समठन आवै कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? शेखचिलà¥à¤²à¥€ जी बतावें! टैग: [blog cv ndtv बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग]
तकनीकी विषयों को विशेष महतà¥à¤µ मिलेः सà¥à¤¨à¥€à¤²
निरंतर काउंटडाउन à¤à¤¾à¤— 6 देबाशीष ने मà¥à¤à¤¸à¥‡ पूछा कि मैं निरंतर का किस तरह का हिसà¥à¤¸à¤¾ बनना चाहूà¤à¤—ा, इसका उतà¥à¤¤à¤° तो केवल यही हो सकता है कि मैं सबसे अचà¥à¤›à¤¾ हिसà¥à¤¸à¤¾ होना चाहूà¤à¤—ा। लेकिन शायद अचà¥à¤›à¤¾ हिसà¥à¤¸à¤¾ होने के लिà¤, काम कà¥à¤› अधिक करना पड़ सकता है, इसलिठअगर सबसे बà¥à¤¿à¤¯à¤¾ हिसà¥à¤¸à¤¾ न à¤à¥€ बन […]
निरंतर में पाठकों की पूरी हिसà¥à¤¸à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ हो: पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¾
निरंतर काउंटडाउन à¤à¤¾à¤— ५ जब चिटà¥à¤ ाकारी शà¥à¤°à¥ की लगà¤à¤— उसी समय निरंतर से à¤à¥€ परिचय हà¥à¤†à¥¤ पहली बार पढकर बहà¥à¤¤ आनंद आया। इसलिये कि à¤à¤• तो पढने का कà¥à¤› और मसाला मिला और दूसरे इसलिये कि ये पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा कà¥à¤› अलग किसà¥à¤® की लगी थी। अनà¥à¤¯ जाल पतà¥à¤°à¤¿à¤•ाओं से अलग इस मायने में थी कि कहानी […]
‘निरंतर’ हिंदी चिटà¥à¤ ाकारों के सरोकार की आवाज़: ईसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€
निरंतर काउंटडाउन à¤à¤¾à¤— 4 निरंतर को इसके पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठसे ही लेखन और पà¥à¤°à¤•ाशन की à¤à¤•ाधिक विधाओं की वरà¥à¤£à¤¸à¤‚करी (हाईबà¥à¤°à¥€à¤¡) के रूप मे देखता रहा हूà¤à¥¤ इनà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥‡à¤Ÿ पर होते हà¥à¤ à¤à¥€ माह में à¤à¤• ही बार ‘टपकती’ निरंतर इलेकà¥à¤Ÿà¥‰à¤¨à¤¿à¤• माधà¥à¤¯à¤® वाली दà¥à¤°à¥à¤¤ अविरलता से नहीं बहती। वहीं हर अंक के पà¥à¤°à¤•ाशन से ही दà¥à¤µà¥€à¤¦à¤¿à¤¶à¥€ संवाद के […]
पूछिठफà¥à¤°à¤¸à¤¤ से, फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ से
निरंतर काउंटडाउन à¤à¤¾à¤— ३ नामचीन हिंदी अखबार देशबंधॠमें मंà¤à¥‡ साहितà¥à¤¯à¤•ार और चिंतक हरिशंकर परसाई का à¤à¤• कॉलम छपता था “पूछिठपरसाई से” जिसमें वे पाठकों के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° देते थे। तमाम किसà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨, राजनीति, इतिहास, समकालीन परिदृशà¥à¤¯, साहितà¥à¤¯ पर जिनमें कà¥à¤› चà¥à¤Ÿà¥€à¤²à¥‡ सवाल à¤à¥€ शामिल होते थे। निरंतर के पहले अवतार में […]